रह्लाद लोधी को राहत नहीं ! विधानसभा सचिवालय ने ब्लॉक किया अकाउंट
भोपाल
पवई विधानसभा सीट (pawai Assembly seat) से चुनाव जीते बीजेपी (bjp) के प्रह्लाद लोधी (prahlad lodhi) की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. अब विधानसभा सचिवालय ने उनका अकाउंट ब्लॉक कर दिया है. उन्हें अगले महीने दिसंबर में हो रहे शीतकालीन सत्र (winter session) की सूचना भी सचिवालय की ओर से नहीं भेजी गयी है. विधानसभा की नज़र में प्रह्लाद लोधी आज की तारीख में विधायक नहीं हैं.इस बीच ये मामला सुप्रीम कोर्ट (supreme court) पहुंच गया है. कोर्ट के फैसले के बाद लोधी का भविष्य तय होगा.
पवई सीट से चुनाव जीते प्रह्लाद लोधी का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है.पहले विशेष अदालत से मिली 2 साल की सज़ा और फिर उस पर हाईकोर्ट की रोक के बीच कांग्रेस हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी है. साथ में बीजेपी ने भी कैवियट दायर की है. विधानसभा अध्यक्ष इस सबके बीच उनकी सदस्यता शून्य घोषित कर चुके हैं. अब विधानसभा सचिवालय ने प्रह्लाद लोधी का अकाउंट ब्लॉक कर दिया है. उन्हें दिसंबर में होने वाले शीतकालीन सत्र की सूचना भी नहीं भेजी गयी है. ये भी जानकारी मिली है कि लोधी को विधानसभा में सवाल पूछने की इजाज़त नहीं दी गयी है.
वर्ष 2014 में एक तहसीलदार से मारपीट के मसले पर भोपाल स्थित एमएलए की विशेष अदालत ने बीजेपी विधायक प्रह्लाद लोधी को 2 साल की सज़ा सुनायी थी. उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने उनकी सदस्यता शून्य करने का फैसला लिया. विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ लोधी जबलपुर हाईकोर्ट गए औऱ कोर्ट ने विशेष अदालत के फैसले यानि दो साल की सज़ा के फैसले पर 7 जनवरी 2020 तक स्टे लगा दिया. इस केस की अगली सुनवाई 7 जनवरी को ही है.
प्रह्लाद लोधी (prahlad lodhi) की विधायकी का मामला अब सुप्रीम कोर्ट (supreme court) तक पहुंच गया है. एमपी सरकार ने एडवोकेट जनरल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की है. इसमें प्रह्लाद लोधी की सज़ा पर हाईकोर्ट (high court) का स्टे हटाने की अपील की गयी है. बीजेपी (bjp) ने भी प्रह्लाद लोधी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की है.
प्रह्लाद लोधी के मामले में बीजेपी और कांग्रेस के बीच अब भी सियासी घमासान जारी है. बीजेपी विधायक और पूर्व संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि प्रह्लाद लोधी अब भी विधायक हैं और कैविएट इसलिए दायर किया गया है कि कोर्ट में उनका भी पक्ष सुना जाए. दूसरी तरफ कांग्रेस मीडिया सेल के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता की मानें तो बीजेपी को डरने की ज़रूरत नहीं है सुप्रीम कोर्ट जो फैसला करेगा उस पर आगे काम होगा.
प्रह्लाद लोधी की सदस्यता ख़त्म होने से तिलमिलाई बीजेपी लगातार विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठा रही है. पार्टी ने इस मसले पर राज्यपाल से दखल देने की मांग की थी. राज्यपाल ने स्पीकर एन पी प्रजापति से संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन स्पीकर से संपर्क नहीं हो सका. उसके बाद राज्यपाल ने इस मामले में निर्वाचन आयोग की राय ली है. उधर सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है तो बीजेपी ने कैविएट दायर की है.