मध्यप्रदेश सरकार अब बछड़ों को पैदा होने से रोकने और बछिया की संख्या बढ़ाने की कवायद कर रही शुरू
भोपाल
मध्यप्रदेश में मनुष्यों के मामले में भले ही सरकार बेटा-बेटी में लिंगभेद नहीं करने की नीति पर काम कर रही है लेकिन गौवंश के मामले में इससे उलट होने जा रहा है। अब सरकार बछड़ों को पैदा होने से रोकने और बछिया की संख्या बढ़ाने की कवायद शुरू करने जा रही है। इसे सीखने और मध्यप्रदेश में लागू करने के लिए पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव के साथ तीन सदस्यीय दल रविवार से नौ दिवसीय विदेश यात्रा पर यूनाइटेड स्टेट आॅफ अमेरिका जा रहा है। पशुपालन मंत्री लाखन सिंह के साथ एसीएस पशुपालन मनोज श्रीवास्तव और पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के प्रबंध संचालक एचबीएस भदौरिया भी विदेश यात्रा पर जा रहे है। दल यूएस में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर जाएगा। सेंट वियाना (शिकागो) में यह दल सारोस सेक्डसीमन से बछिया पैदा करने की तकनीक को देखेगा।
राज्य सरकार लावारिस, बेसहारा गौवंश की देखरेख के लिए गौशालाएं शुरु कर रही है। बछड़ों और पाड़े के पैदा होने पर इनका दूध उत्पादन में उपयोग नहीं होने के कारण लोग इन्हें बेसहारा छोड़ देते है। बीमार, लावारिस, अनुपयोग पशुओं के सड़कों पर विचरण करने से सड़क दुघर्टनाएं बढ़ रही है। इसलिए सरकार इस तरह के गौवंश को सीमित कर अब दुग्ध उत्पादक गौवंश की संख्या ही बढ़ाएगी। इसीलिए इस तरह की कवायद प्रदेश में शुरू की जा रही है।
भदभदा रोड स्थित केन्द्रीय वीर्य संस्थान में सेक्सिंग सॉरटिंग लैब शुरू की जाएगी। इस लैब में केवल बछिया पैदा करने के लिए सीमन तैयार किया जाएगा।