प्रदेश में गुटबाजी को लेकर पीसीसी से लेकर एआईसीसी बेबस
भोपाल
प्रदेश में गुटबाजी को लेकर पीसीसी से लेकर एआईसीसी बेबस नजर आ रही है। हालात यह हो चुके हैं कि जिलों में व्याप्त गुटबाजी के चलते मुख्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ कमलनाथ को अपने कार्यक्रम तक में बदलाव करना पड़ रहा है। एक अन्य घटना सागर की है, जहां पर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं गृह मंत्री बाला बच्चन के सामने भी पार्टी की गुटबाजी हावी नजर आई। इधर एआईसीसी गुटबाजी के चलते उपजे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और वन मंत्री उमंग सिंघार मामले में किसी भी फैसले तक अब तक नहीं पहुंच सकी है। इधर इन दोनों मामलों में भी पीसीसी कोई निर्णय लेने की स्थिति में नहीं है।
सूत्रों की मानी जाए तो विदिशा जिला चिकित्सालय के भवन का लोकार्पण कार्यक्रम में पार्टी के स्थानीय नेताओं के बीच गुटबाजी मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने ही नजर आई। 15 नवम्बर को मुख्यमंत्री कमलनाथ विदिशा पहुंचे थे। इस दौरान गुटबाजी और पार्टी नेताओं के बीच आपसी खींचतान जमकर दिखाई दी। जिसके चलते मुख्यमंत्री का कुछ नेता स्वागत तक नहीं कर सके। वहीं एक नेता के परिवार में हुई गमी पर सांत्वना देने जाने का कार्यक्रम भी मुख्यमंत्री को गुटबाजी के कारण निरस्त करना पड़ा।
इधर प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चयन को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार कुछ न कुछ अड़चन आ रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के शुक्रवार और शनिवार को दिल्ली दौरे के बाद यह माना जा रहा था कि आलाकमान जल्द ही पीसीसी चीफ को लेकर फैसला ले सकती है, लेकिन अब पार्टी का फोकस केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में होने वाली भारत बचाओ रैली पर हो गया है। कांग्रेस 30 नवम्बर को केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ दिल्ली में भारत बचाओ रैली निकाल रही है। इससे पहले एआईसीसी के निर्देश पर प्रदेश के हर जिले में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किए जाने थे। जो 5 से 15 नवम्बर तक होना थे, लेकिन अयोध्या मामले पर आए फैसले के चलते काननू व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी थी। इसके चलते प्रदर्शन के कार्यक्रम में फेरबदल कर उसे 25 नवम्बर तक कर दिया था। अब कांग्रेस 30 नवम्बर को देश व्यापी प्रदर्शन करेगी। इस प्रदर्शन में मध्य प्रदेश को ज्यादा जिम्मेदारी दी जा रही है। यहां से हजारों कार्यकर्ताओं को दिल्ली ले जाना होगा। ऐसे में यदि नए पीसीसी चीफ का ऐलान कर दिया तो उन्हें शुरूआत में ही हजारों कार्यकर्ताओं को दिल्ली ले जाने में परेशानी होगी, इसके चलते अब इस महीने नए पीसीसी चीफ का ऐलान फिलहाल संभव नहीं है।