सरदार सरोवर के विस्थापितों का भोपाल में धरना, डा सुनीलम ने कहा- सीएम को वादा याद दिलाने आए हैं
भोपाल
नर्मदा भवन के सामने बड़ी संख्या में सरदार सरोवर (Sardar Sarovar) के डूब प्रभावित इकट्ठा हुए. विस्थापितों ने नर्मदा बचाओ आंदोलन (Narmada Bachao andolan) की मेधा पाटेकर (Medha Patkar) और डॉ. सुनीलम (Dr Sunilam) की अगुवाई में न्याय की गुहार लगाई. डूब प्रभावित परिवारों के साथ पहुंचे डॉ. सुनीलम का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने डूब प्रभावितों से मांगें पूरी करने वादा किया था, वो वादा याद दिलाने के लिए डूब प्रभावित परिवार भोपाल पहुंचे हैं.
डॉ. सुनीलम ने कहा, 'जब नर्मदा बचाओ आंदोलन चल रहा था तब शरतचंद बेहारजी मुख्यमंत्री का पत्र लेकर आए थे, मांगें जल्द से जल्द पूरी करने का लेकिन आपने जो वादे किए थे. वो वादे जल्द पूरे करें, क्योंकि वादों से पेट नहीं भरता है.' डा सुनीलम ने कहा कि, 'हालांकि सरकार की मंशा मांगें पूरी करने की लगती है, तभी वह संवाद कर रही है. पिछली सरकार और इस सरकार में काफी अंतर है. पिछली सरकार तो बात ही नहीं करती थी.15 साल तक शिवराज सिंह ने बात भी नहीं की. एक बार जब शिवराज सिंह के घर के सामने पहुंच गए थे तो उन्होंने हमारे ऊपर मुकदमा दर्ज करवा दिया था. पिछले महीने स्पेशल कोर्ट ने उसको खत्म किया है.'
डॉ. सुनीलम ने कहा कि, 'सरकार की अच्छी बात ये है कि वो संवाद कर रही है. लेकिन संवाद के अंदर सरकार जो वादे कर रही है, उन वादों को पूरा करें. हम सभी को पता है कि फिलहाल सरकार के पास संसाधन कम है. मुआवजे के लिए हजारों करोड़ रूपया गुजरात सरकार से लेना है, तो उसको लेने के लिए गुजरात सरकार पर राज्य सरकार को दबाव बनाना होगा. कमलनाथजी आपके साथ हम सभी दिल्ली में मोदी के खिलाफ धरना करने के लिए भी तैयार हैं.'
डा सुनीलम ने कहा कि, 'अभी तक मुख्यमंत्री कमलनाथ नर्मदा घाटी में नहीं गए हैं. मुख्यमंत्री प्रदेश का मुखिया होता है. 32 हजार परिवार बेघर हुए हैं, उनका अभी तक पुनर्वास नहीं हुआ है. विकास के नाम पर विनाश हुआ है. 250 गांव कैसे डूबे हैं, खुद देख लेंगे तो विकास के प्रति कमलनाथजी का नजरिया बदल जाएगा. हम आंदोलन लिखित आश्वासन के बाद ही खत्म करेंगे.' उन्होंने कहा कि पिछली बार सिर्फ एक आश्वासन पर ही आंदोलन खत्म कर दिया था, लेकिन अब लिखित आश्वासन के बाद ही आंदोलन खत्म होगा कि सरकार जल्द से जल्द अपना वादा पूरा करे.