November 24, 2024

जिम्मेदार अब अवैध कमाई मे करा रहे सरकार की किरकिरी:अवैध उत्खन और ओवरलोड के आगे विभाग नतमस्तक

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रायपुर ,यह बात तो आईने की तरह साफ हो गई है कि वर्दीधारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही खनिज और परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के संरक्षण में पूरे क्षेत्र में रेत, मिट्टी, मुरुम,गिट्टी का अवैध कारोबार संचालित किया जा रहा है, पूरी चोरी भी इनकी शह पर ही की जा रही है, रायपुर स्तर पर पूरा मैनेजमेंट कर रेत का अवैध कारोबार अपनी चरम सीमा पर है, खनिज विभाग ने जिस को क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी है, उसने भी कार्यवाही की जगह गौड़ खनिज चोरों, तस्करों और माफियाओं के सामने घुटने टेक दिया। पगार तो सरकार से ले रहे हैं, लेकिन चाकरी माफियाओं की कर रहा है, इतना ही नहीं विभागीय अधिकारियों के अलावा जिले के मुखिया को भी गुमराह करने का काम किया जा रहा है, क्षेत्र में हो रहे अवैध उत्खनन और परिवहन से न सिर्फ रायपुर राजधानी की छवि खराब हो रही है, बल्कि प्रदेश सरकार की मंशा पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है।
ताजा मामला नए घाटो को लेकर सवाल खड़ा करता है कि जब नियम 8 घंटे लोडिंग करने का है तो 24 घंटे रेत मुरुम की खुदाई और लोडिंग किस की शह पर चल रहा है।
इस मामले में जोगी एक्सप्रेस ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की, जिसके बाद प्रशासन ने कार्यवाही के लिए खनिज विभाग, परिवहन विभाग की ओर से अधिकारी कर्मचारी को भेजा तो गया लेकिन नतीजा टॉय टॉय फिस्स निकला, और बिना किसी रोक टोक के यह कहे बदस्तूर जारी है। अब कार्यवाही करने वाले हाँथ वसूली करने में व्यस्त नज़र आ रहे तो प्रदेश की गौड़ संपदा की रक्षा कौन करेगा???

अब कार्यप्रणाली पर उठ रही उंगली 

राजधानी से लगे जिलो मे  धमतरी ,राजनंदगव ,गरियाबंद  रायपुर अभनपुर मे खुले आम अवैध उत्खनन और परिवहन का खेल चल रहा जिस पर कार्यवाही करने  वालो की मिलीभगत का नज़ारा अब आम हो गया, तो अवैध खनन और परिवहनकर्ताओं की चाँदी निकल पड़ी है। और अब अवैध खनन और परिवहन कर्ताओ के हौसले इतने बुलंद हो चुके है कि यदि कोई ईमानदारी से  इन पर  नकेल कसने की कोशिश करता है तो खनन माफियाओं के गुर्गों द्वारा उन पर ट्रक चढ़ाने का भी असफल प्रयास बीते दिनों किया गया, जिस पर पुलिस ने मौके पर पहुँचकर  माइनिंग के अधिकारियों कर्मचारियों की जान बचाई,जब ईस बवात हमने खनिज विभाग के एक कर्मचारी से बात करनी चाहिए तो उसने नाम न छापने की शर्त पर बताया की हमारे ही विभाग के कुछ लोग खनन माफियाओ से साँठ गाठ कर ईस तरह की घटना को कारित करवाते है ताकि कोई कार्यवाही करने की दुबारा हिम्मत न जुटा सके ,और ईन का काम निरंतर बिना किसी असुविधा के चलता रहे ,

सूत्र बताते हैं कि….

सीधे तौर पर लग रहे आरोपों के बाद जब आस पास के जिलों के खनिज अधिकारीयो से बात की गई तो उन्होंने बताया कि खदान से नियमानुसार ही रेत दी जा रही है।10 घन मीटर जबकि मोटर मालिको ने सीधे तौर पर आरोप लगाते हुए बताया कि 20 घन मीटर रेती निकासी की जा रही वो भी 24 घंटे बिना रॉयल्टी पर्ची के, खदान संचालकर्ताओ का कहना है कि आप को लोड लेना हो  तो हम पिट पास (रॉयल्टी पर्ची)10 ट्रिप में 1 ट्रिप का देंगे नही तो अपनी गाड़ी यहाँ से हटा लो, अब ऐसी स्थिति में मोटरमालिक कहाँ जाए, मोटरमालिको ने आरोप लगया की ग्राम पंचायतों मे सरपंच को प्रति गाड़ी के हिसाब से 500 रुपए और यही क्रम आगे भी चलता है जिसमे नायाब तहसीलदार 1000 रुपए लेता है। तहसीलदार 1000 रुपए थाने वाले 500 रुपए, फिर मायनिंग  और परिवहन विभाग वाले तो आप बताए हम कैसे धंधा करेंगे मोटर मालिक  सोनवानी ने आगे बताया कि एक हाइवा को मशीन द्वारा रेती मुरुम लोड करने का 500 लगता है। परंतु अब खदान मालिकों द्वारा लोडिंग करने का 5000 रुपए मांगा जाता है। अब आप ही बताए मोटर मालिक कैसे इतने पैसों की व्यवस्था करे???हमारी प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल जी से मांग है कि पूरे राज्य में चल रहे अवैध उत्खनन और ओवरलोड़ पर प्रतिबंध लगाए, और नियमानुसार ओवरलोड़ और रॉयल्टी पर्ची के खेल को बंद करए ताकि प्रदेश की गौड़ संपदा सुरक्षित रह सके और अधिकारियों की ऊपरी कमाई औ रभ्र्स्टाचार पर लगाम लग सके

यहाँ  सब गोल माल है …..

बात जब कार्यवाही करने वालों की हो तो हमारे द्वारा निरंतर विभाग को सूचना दी जाती है ,और आमुक जगह से ओवरलोड वाहनो की निकासी हो रही तो विभाग के अधिकारियों द्वारा यह कह कर की टीम कार्यवाही करने निकाल चुकी है ,जोगी एक्सप्रेस की टीम घंटो   मैगनेटो माल से टाटीबन्ध चौक तक अपनी टीम को लगा कर रखा और ईस प्रमुख मार्ग से हो कर प्रा सैकड़ो की तादात मे ओवरलोड वाहनो का गुजरना निरंतर जारी है ,और विभाग के जिम्मेदार बेखबर क्यू ????वही सूत्रो  की माने तो परिवहन विभाग कार्यवाही करने की जगह एंट्री वसूली(टोकन ) मे मगन है  और  ज़ेबो की जगह तिजोरी भरने मे व्य्स्त है !

ताकि सनद रहे 

सनद रहे कि गौर घाट और काकडीह के घाटो(खदान ) का सरकार द्वारा निर्धारित जगह से खनन की परमिशन दी गई व रॉयल्टी पर्ची भी इशू की गई है है परंतु शातिर दिमाग खदान संचालकों द्वारा अछोला , और गढ़ सिवनी में अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा रहा, और आमुक स्थान की रॉयल्टी पर्ची दे कर अवैध को वैध बनने का सिलसिला चल निकला है।
जहाँ सरकार ने तय नियम के अनुसार सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ही लोड अनलोड की परमिशन दी थी वहां अधिकारियों की मिलीभगत से अब 24 घंटे उत्खनन किया जा रहा साथ ही अवैध तरीके से मोटरमालिको से 5000 रुपए प्रति गाड़ी की लोडिंग के एवज में वसूला जा रहा, इतने बड़े पैमाने पर भरस्टाचार जारी है और सरकार को इसकी भनक तक नही यह बात सहज ही गले नही उतर रही है।
वही मोटरमालिको की हो रही दुर्दशा का जिम्मेदार कौन है?? इस पर सोचने वालो ने अब अवैध खदान संचालकर्ताओ से हाँथ मिला लेने से प्रदेश भर में गौड़ संपदा को बचाने में विभाग नाकारा साबित हो रहा, चोरो के साथ अधिकारियों के किस्से भी अब जग जाहिर हो चुके है।
वही सूत्रों की माने तो छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही अधिकारी अपने रंग रूप दिखाने लगे है। पिछले पंद्रह सालो का दंश झेलने के बाद आज फिर मोटरलिको के घर मातम पसरा नज़र आने लगा है।

इनका  कहना है …………..

 

आप लोगो को जिन परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है, उसका मुझे दुख है, हम आप लोगो के साथ है । मै  आप सब की इस बात पर चर्चा  कर कार्यवाही करवाता हूँ !

बृजमोहन अग्रवाल 

विधायक व पूर्व मंत्री छत्तीसगढ़ शासन 

 

 

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