भारतीय सेना के लिए पहेली बने चीन सीमा पर बने ‘मॉडल विलेज’
नई दिल्ली
चीन की सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एकीकृत मॉडल गांवों का विकास कर रही है जो कि वास्तव में सैनिक छावनी का विस्तार हैं. ये गांव यह सुनिश्चित करने के लिए बसाए जा रहे हैं ताकि सीमा पर सैन्य और नागरिक आबादी को साथ-साथ बसाया जा सके.
सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में बास्केटबॉल और वॉलीबॉल कोर्ट जैसी खेल और मनोरंजक सुविधाओं वाले आवासीय परिसरों में विशाल इमारतें सामने आई हैं. अधिकारियों का कहना है कि इन परिसरों के विकास के पीछे यह विचार है कि इनका दोहरा उपयोग किया जा सके.
हालांकि, ऐसा लग रहा है कि फिलहाल यहां नागरिक आबादी नहीं रहती और ये अभी तक खाली पड़े हैं. एक अधिकारी ने कहा, 'इसे नागरिक और सेना दोनों इस्तेमाल कर सकते हैं और ऐसा विस्तार की स्थिति में जमीन पर अपने दावे को और मजबूत करने के लिए किया जा रहा है. ये निर्माण वास्तव में सैन्य छावनियों का विस्तार हैं.'
इन जगहों पर निगरानी टॉवर बने हैं और ये इलाके चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी की कड़ी निगरानी में हैं. भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा की धारणा को लेकर मतभेद है जो कि सीमा निर्धारित करती है. अक्सर अपने क्षेत्रों में गश्त करते समय भारतीय और चीनी सैनिकों का आमना-सामना होता है.
वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार ऐसे करीब दो दर्जन एकीकृत गांव बसाए गए हैं. इनमें से ज्यादातर अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के सामने ईस्टर्न सेक्टर में हैं.
चीनी सेना की कड़ी निगरानी के लिए इन एकीकृत गांवों के पास होटल बनाने की भी योजना है. इन गांवों का मकसद नई बनी चार-लेन की सड़कों से जुड़े चीन के सीमाई इलाके में आदिवासी और खानाबदोश आबादी को बसाना था.
सेना के सूत्रों का कहना है, 'यह अपेक्षाकृत एक नई अवधारणा है लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा करने के पीछे क्या विचार है क्योंकि ये गांव नियंत्रण रेखा के करीब हैं और विजुअल रेंज में आते हैं.'
हालांकि, नियंत्रण रेखा पर भारतीय सीमा के करीब लोगों को बसाने की तो कोई योजना नहीं है, लेकिन भारत इनमें से कुछ इलाकों को पर्यटकों के लिए खोल रहा है.
एक तरफ सीमा पर समग्र आधारभूत ढांचा विकसित करना चीन की उच्च प्राथमिकता रहा है, भारत लंबे समय तक इन सीमाई क्षेत्रों के विकास की अनदेखी करता रहा. वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब दोनों तरफ आबादी बेहद कम है लेकिन चीन की ओर से यहां पर आबादी विकसित करने की योजना पर काम हो रहा है.
इधर पिछले कुछ वर्षों में सड़कों और बुनियादी ढांचे का विकास भारत सरकार की भी प्राथमिकता में है. कुछ मेगा सड़क परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और कुछ पर काम चल रहा है.