डीओपीटी फार्मूले ने मध्यप्रदेश में नौकरशाहो की धड़कनें बढ़ा दी
भोपाल
प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के रिटायरमेंट का वक्त तय करने के लिए तैयार किया गया डीओपीटी का एक फॉर्मूला इस वक्त वित्त मंत्री की टेबल पर है। इसमें प्रशानिक अधिकारियों को सेवानिवृत्त करने के लिए 33:60 यानि 33 साल की सर्विस या 60 साल उम्र का सुझाव दिया गया है। डीओपीटी को उम्मीद है कि इस फॉर्मूले से बैकलॉग, नई भर्ती और प्रमोशन जैसी समस्याएं खत्म हो सकती हैं। लेकिन इस फॉर्मूले ने मध्यप्रदेश में नौकरशाही की धड़कनें बढ़ा दी हैं।
डीओपीटी द्वारा तैयार किए जा रहा रिटायरमेंट का नया फॉर्मूला यदि लागू हुआ तो प्रदेश में इस वक्त पदस्थ सभी डीजी रैंक के आईपीएस अफसर एक साल के भीतर रिटायर हो जाएंगे। इतना ही नहीं 1987 बैच के भी आईपीएस अफसरों को रिटायरमेंट दे दिया जाएगा। सूत्रों की मानी जाए तो इसके लिए केंद्र के अधीन सभी मंत्रालयों के अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा, पद, कॉडर से जुड़ी सभी जानकारी बुलाई गई है। इस जानकारी में केंद्रीय गृह मंत्रालय से प्रदेश के आईपीएस अफसरों की भी जानकारी यहां पर भेजी जा रही है। हालांकि डीओपीटी के इस फॉर्मूले से केंद्र सरकार भी उलझन में है।
आईएएस, आईपीएस 22 से 26 साल की उम्र में ही नौकरी में आ जाते हैं। ऐसे में इनकी 60 साल की उम्र पूरी होने से पहले ही 33 साल की सेवा हो चुकी होगी, ऐसे में इन्हें जल्द रिटायर कर दिया जाएगा। शीर्ष पदों के लिए अनुभवी अफसर कैसे मिलेंगे?
मध्यप्रदेश में इस व्यवस्था के बाद आईपीसी अफसरों को डीजी के पद पर काम करने का ज्यादा वक्त नहीं मिलेगा। प्रदेश में डीजी के पद पर पदोन्नत होने के लिए 30 साल की सेवा फिलहाल जरूरी है। इसके बाद ही इस पद पर पदोन्नति मिलती है।
वर्ष 1984 बैच के डीजीपी वीके सिंह फिलहाल 30 मार्च 2021 को रिटायर होंगे, लेकिन इनकी नौकरी अभी 35 वर्ष की हो चुकी है।
इसी तरह इसी बैच के संजय चौधरी, मैथिली शरण गुप्ता, वर्ष 1985 बैच के अशोक दोहारे, राजेंद्र कुमार, महान भारत सागर, वर्ष 1986 बैच के डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव, केएन तिवारी, संजय राणा, अनिल कुमार, पुरुषोत्तम शर्मा, विजय यादव रिटायर हो जाएंगे। ये सभी इस वक्त डीजी के पद पर पदस्थ है। हालांकि वर्तमान नियमानुसार इनमें से मैथिल शरण गुप्ता, राजेंद्र कुमार, महान भारत सागर, डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव, केएन तिवारी, अनिल कुमार अगले साल रिटायर हो रहे हैं।