December 17, 2025

आज करेंगे हड़ताल, तीस हजारी हिंसा के विरोध में कई राज्यों के वकील लामबंद

0
fire.jpg

 
नई दिल्ली 

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसा मामले को लेकर देश के कई हिस्सों में वकीलों का विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया. राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के वकीलों ने दिल्ली के वकीलों का समर्थन किया है. हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के वकीलों ने तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसा के खिलाफ दिल्ली के वकीलों के समर्थन में सोमवार को हड़ताल करने और कामकाज ठप रखने का भी ऐलान किया है.

राजस्थान बार काउंसिल ने बयान जारी कर कहा कि दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में वकीलों के खिलाफ जिस तरह की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की, उसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. हम वकीलों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं. दिल्ली पुलिस की फायरिंग में वकीलों को गंभीर चोट आई है. यह घटना दिल्ली पुलिस के क्रिमिनल व्यवहार का सबूत है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने न्यायिक जांच के लिए आदेश
वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. यह जांच रिटायर जस्टिस एसपी गर्ग के नेतृत्व में की जाएगी और 6 सप्ताह में रिपोर्ट देनी होगी. इस जांच में सीबीआई के डायरेक्टर, आईबी के डायरेक्टर, विजिलेंस डायरेक्टर या सीनियर अधिकारी मदद करेंगे. हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को घायल वकीलों के बयान दर्ज करने और आरोपी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का भी निर्देश दिया है.

दिल्ली पुलिस भी जांच के लिए गठित करे कमीशन: HC
दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि पुलिस कमिश्नर तीस हजारी हिंसा मामले की आंतरिक जांच के लिए स्वतंत्र कमीशन का भी गठन करें. यह आंतरिक जांच 6 सप्ताह में पूरी की जाए और रिपोर्ट सौंपी जाए. कोर्ट ने स्पेशल सीपी संजय सिंह और अतिरिक्त डीसीपी हरिंदर सिंह को जांच पूरी होने तक स्थानांतरित करने के आदेश भी दिए हैं.

घायल वकीलों को मुआवजा देने का निर्देश
दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को घायल वकीलों का एम्स में इलाज कराने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार घायल वकील विजय वर्मा को 50 हजार रुपये और दो अन्य वकीलों को क्रमशः 15 हजार और 10 हजार रुपये का फौरन मुआवजा दे. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में दलील दी कि तीस हजारी हिंसा मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है. साथ ही मामले की जांच क्राइम  ब्रांच की एसआईटी को ट्रांसफर कर दी गई है. हालांकि हाई कोर्ट दिल्ली पुलिस की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *