मांस सूखने की तस्वीर देख बिश्नोई समाज ने काटा बवाल, मीट, जंगली सूअर का जबड़ा और खाल समेत 5 गिरफ्तार
पाली
जिले के रोहट के पास धोलेरिया गांव की पास शनिवार को बड़ी संख्या में सूअरों के शिकार (boar hunting) की घटना सामने आने के बाद मौके पर एक खेत में बिश्नोई समाज (Bishnoi society) के लोगों की भीड़ जमा हो गई. सूचना मिलने पर वन विभाग (Forest department) से वनपाल कुन्दन सिंह और भीकदान चारण मौके पर पहुंचे और एक खेत में खड़े ट्रैक्टरों व अन्य वाहनों की तलाशी ली. तलाशी में चार कार्टन और दो थैलों में भरा कच्चा व सुखाया हुआ मांस मिला. इसके साथ ही एक सूअर की खाल व सूअर का जबड़ा जब्त किया गया. तलाशी के दौरान एक बन्दूक व चाकू, छुरे भी मिले.
वन विभाग ने इसके बाद करौली जिले के कैला देवी मोड़ निवासी महेन्द्र सिंह, जयपुर के गुढ़ाचक बस्सी निवासी भगवान सिंह मोगिया और मध्य प्रदेश के ग्वालियर के मोहना गांव के प्रेम सिंह, मध्य प्रदेश के ही शिवपुरी जिले के महेन्द्रसिंह आदिवासी समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.
मौके पर बिश्नोई समाज ने शिकार की घटना पर आक्रोश जताते हुए डीएफओ को मौके पर बुलाने व देर शाम तक भी नहीं आने पर मौके पर आकर माफी मांगने की मांग रख दी. शाम को तहसीलदार खीमाराम देवड़ा, रोहट थानाधिकारी कमलेश मय जाब्ता मौके पर पहुंचे. थानाधिकारी ने मौके से नौ ट्रैक्टर, चार मिनी बस, एक जीप सहित 16 वाहनों के कागजात चेक कर व्हीकल व आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई करने की बात कही.
घटना की शुरुआत सोशल मीडिया पर मांस सूखने की फोटो वायरल होने के बाद हुई. विश्नोई समाज तक जब यह पहुंचा तो समाज ने सूअरों के शिकार के साथ हिरणों के शिकार की बात कहते हुए बरामद मांस की जांच करवाकर कार्रवाई की मांग की. बिश्नोई समाज के लोग बड़ी संख्या में मौके पर जमा हो गए. देर शाम को बीटीएफ प्रदेश अध्यक्ष रामपाल भवाद भी मौके पर पहुंच गए. इस दौरान बीटीएफ जिलाध्यक्ष भेराराम, वागाराम बिश्नोई, मनोहर गिला, नवलकिशोर, हेमाराम पंवार, पूनाराम पटेल, ओमप्रकाश जांणी, घेवरराम जाणी, ओमाराम बोला, जिला प्रभारी कानाराम बिश्नोई, प्रकाश बिश्नोई, राजू खिलेरी, नेनाराम गिला, बीरबलराम, बिश्नोई महासभा पाली प्रधान फगलुराम बिश्नोई, सहित बड़ी संख्या में बिश्नोई समाज के लोग मौजूद रहे.
मौके पर खेत में सोलह वाहनों में पुरुषों, महिलाओं और बच्चों सहित अलग -अलग परिवारों के करीब 80-90 लोग थे जो देसी दवाएं बेचने की बात बता रहे थे. इन लोगों ने बताया कि गांव के लोगों ने ही इनको सूअरों को मारने के लिए दो तीन पहले यहां बिठाया था और इन लोगों को खाने- पीने का सामान भी दिया दी.