राहत राशि का प्रकरण जाति प्रमाण पत्र और बैंक खातों के कारण नहीं रखें लंबित -कमिश्नर
गंभीर प्रकरणों के आरोपियों के रिहा होने पर कमिश्नर ने व्यक्त की नाराजगी
जोगी एक्सप्रेस
जमिलुर्रह्मन
शहडोल। कमिश्नर शहडोल संभाग बी.एम.शर्मा की अध्यक्षता मंे आज अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्याचार निवारण अधिनियम के क्रियान्वयन समिति की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक कलेक्टर कार्यालय शहडोल के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक शहडोल रेंज आई.पी.कुलश्रेष्ठ, कलेक्टर शहडोल मुकेश शुक्ल, कलेक्टर उमरिया माल सिंह, पुलिस अधीक्षक शहडोल सुशांत सक्सेना, पुलिस अधीक्षक उमरिया, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में कमिश्नर द्वारा
अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के अत्याचार पीडि़तों को राहत राशि वितरण की जिलेवार समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान कमिश्नर ने निर्देश दिये कि जाति प्रमाण पत्र और बैंक खातों के कारण पीडि़त व्यक्तियों को राहत राशि के वितरण में विलंब नहीं होना चाहिए। कलेक्टर ने शहडोल संभाग के सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों और अनुसूचित जाति एवं जनजाति थानो के अनुविभागीय पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अत्याचार पीडि़तों को जाति प्रमाण पत्र के प्रकरणों में समन्वय स्थापित कर अत्याचार पीडि़तों को तत्काल जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध करायें ताकि अत्याचार पीडि़तों के प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया जा सके, उन्हें तत्काल राहत राशि मुहैया कराई जा सके। कमिश्नर ने यह भी निर्देश दिये हैं कि बैंक खातों की अनुउपलब्धता राहत राशि के वितरण में बाधक नहीं होना चाहिए। समीक्षा के दौरान बैंक खातों के कारण उमरिया जिलें में 5 अत्याचार पीडि़तों को राहत राशि का वितरण नहीं होने पर कमिश्नर द्वारा कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई तथा कलेक्टर उमरिया को निर्देशित किया गया कि वे उक्त पांचों प्रकरणों को स्वयं संज्ञान में लेकर तत्काल राहत राशि का वितरण सुनिश्चित करायें। बैठक में कमिश्नर द्वारा यह भी निर्देश दिये कि अत्याचार पीडि़तों के प्रकरणों में न्यायालय में गवाही के लिये आने वाले गवाहों के यात्रा भत्ता के भुगतान को और अधिक सरल और सहज बनाया जाये। कमिश्नर शहडोल संभाग बी.एम.शर्मा आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित संभाग स्तरीय अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के क्रियान्वयन समिति की बैठक में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। बैठक में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अत्याचार पीडि़तो के न्यायालयीन प्रकरणों की स्थिति की समीक्षा के दौरान अनूपपुर जिले के 10 में से 7 प्रकरणों में उमरिया जिले में 27 में से 9 प्रकरणों में और शहडोल जिले में 15 में से 1 प्रकरण में आरोपियों को सजा होने पर कमिश्नर द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई तथा निर्देशित किया गया कि शहडोल जिले में 15 में से 14 आरोपी कैसे बरी हुये, बरी प्रकरणों में लोक अभियोजन अधिकारी विवेचना करके बतायें कि किन कारणों से बड़ी संख्या में आरोपी बरी हुये। कमिश्नर का कहना था कि कहीं आरोपी अनुसंधान की कमी के कारण तो बरी नहीं हुये, बरी होने के कारणों का प्रतिवेदन लोक अभियोजन अधिकारी प्रस्तुत करें। कमिश्नर ने यह भी निर्देश दिये कि जिन प्रकरणों में जो प्रकरण अपील योग्य हैं उन प्रकरणों में तत्काल अपील करें। बैठक में पुलिस थानों में बिना चालान के एक माह से अधिक लंबित प्रकरणों की भी समीक्षा की गई तथा अनुविभागीय अधिकारियों से लंबित प्रकरणों के संबंध में जानकारी ली गई। बैठक में अत्याचार पीडि़तों के परिजनों के पुनर्वास के संबंध में भी चर्चा की गई। बैठक में उपायुक्त राजस्व श्री एम.पी.बरार, उपायुक्त आदिवासी विकास जगदीश सरवटे, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शहडोल नरोत्तम वरकड़े, उप पुलिस अधीक्षक अजाक थाना शहडोल लेखराम सिंह, उप पुलिस अधीक्षक अजाक उमरिया शिवनंदन कुमरे, लोक अभियोजन अधिकारी उमरिया श्रीमती अर्चना मरावी, विशेष लोक अभियोजक उमरिया प्रकाश चंद्र सोनी एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।