बीजेपी के आंदोलन से पहले जीरो रीडिंग वाले बिल किए जारी
भोपाल/इंदौर
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बिजली बिल (Electricity bill) को लेकर आजकल सियासत चरम पर है. एक तरफ जहां भाजपा (BJP) इस मुद्दे पर आंदोलन की तैयारियां कर रही है. वहीं, दूसरी ओर कमलनाथ (CM Kamalnath) सरकार ने भाजपा के आंदोलन से पहले बिजली की दरों में कटौती कर विपक्ष को 'झटका' दे दिया है. कांग्रेस (Congress) ने इस मुद्दे पर भाजपा को सिर्फ एक ही 'झटका' नहीं दिया है, बल्कि शनिवार को पार्टी ने विपक्षी दल के प्रमुख नेताओं के जीरो रीडिंग वाले बिल (Zero reading bills) भी जारी किए. कांग्रेस ने जीरो रीडिंग वाले बिल जारी कर कहा है कि भाजपा के नेता खुद तो राज्य सरकार की बिजली से जुड़ी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन जनता को गुमराह करने के लिए आंदोलन का दिखावा कर रहे हैं. वहीं, इस मसले पर भाजपा के वरिष्ठ नेता का कहना है कि कांग्रेस सरकार का काम शहरों में तो दिख रहा है, लेकिन गांवों में अब भी बिल कम नहीं आ रहे हैं. इसलिए भाजपा इस मुद्दे पर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी.
कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में बीते 31 अक्टूबर को इंदिरा ज्योति योजना लॉन्च की. इसके तहत बीपीएल परिवारों सहित आम लोगों को बिजली दरों में राहत दी गई है. सरकार के फैसले से प्रदेश के कई जिलों में 100 यूनिट की खपत पर 100 रुपए से भी कम बिजली बिल आए हैं. आम लोगों के बिजली बिल कहीं 70 रुपए तो कहीं 100 और वहीं कुछ लोगों के बिल 50 से 60 रुपए तक आए हैं. इसको लेकर सरकार का दावा है कि कांग्रेस ने अपना चुनावी वादा निभाया है. प्रदेश में लोगों को पिछले महीने से ही हाफ बिजली बिल का फायदा मिलने लगा है. सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह का कहना है कि 97,40,699 परिवारों को कम बिजली बिल का फायदा मिला है. बीपीएल के अलावा सभी वर्गों के लोगों को फायदा दिया जा रहा है. भाजपा के आंदोलन के सवाल पर मंत्री ने कहा कि हम विपक्षी पार्टी नहीं हैं, जो हर मुद्दे को 'कैश' कराने में जुट जाएं. विपक्ष का काम ही आंदोलन करना है. हम तो जनता से किया हुआ वादा पूरा कर रहे हैं.
इधर, बिजली बिल के मुद्दे पर आंदोलन की तैयारी कर रही भाजपा, प्रदेश सरकार के फैसले से हतोत्साहित नहीं हुई है. पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता का कहना है बिजली बिल को लेकर हम जनता के बीच जा रहे हैं. 4 नवंबर को भाजपा के सारे नेता हर जिले में मोर्चा संभालेंगे. प्रदेशभर में बिजली बिलों की होली जलाएंगे. गुप्ता का कहना है कि कि बिजली बिल कम होने की बात ही नहीं है. बिजली बिल हाफ करने की बात कांग्रेस सरकार ने कही थी, लेकिन हाफ तो हुआ ही नहीं है. अगर किसी का बिल 100 रुपए आ रहा है तो 50 रुपए क्यों नहीं है. ये सब सिर्फ भोपाल जिले में ही दिखावे की कोशिशें हैं. प्रदेश के दूसरे जिलों में स्थिति बिल्कुल अलग है. बिल बिल्कुल कम नहीं आ रहे होंगे. भाजपा जनता को सच्चाई बताने ही सड़कों पर उतरेगी.
राज्य सरकार के फैसले और भाजपा के आंदोलन की तैयारियों के बीच शनिवार को कांग्रेस पार्टी ने विपक्षी दल के कई बड़े नेताओं के बिजली बिल सार्वजनिक कर, आंदोलन की 'हवा निकालने' का दावा किया. कांग्रेस के प्रदेश सचिव विवेक खंडेलवाल ने शनिवार को पत्रकार वार्ता कर कई बीजेपी नेता और पदाधिकारियों के निवास और कार्यालयों के बिजली बिल सार्वजनिक किए. खंडेलवाल ने कहा कि बीजेपी नेता खुद कमलनाथ सरकार की बिजली बिल माफी योजना का लाभ ले रहे हैं, लेकिन जनता को गुमराह करने के लिए आंदोलन-प्रदर्शन कर रहे हैं. खंडेलवाल के मुताबिक़ बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय के नाम पर पिछले छह माह से ज़ीरो रीडिंग का बिल आ रहा है. उन्हें सरकार की योजना के अंतर्गत सब्सिडी भी दी गई है. विवेक खंडेलवाल ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी का आंदोलन-प्रदर्शन ख़ुशी जाहिर करने का तरीका है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को कमलनाथ सरकार को धन्यवाद देते हुए मिठाई बांटनी चाहिए.