शिवसेना के तेवर पड़े नरम, राउत बोले- अंत तक निभाएंगे गठबंधन धर्म
मुंबई
महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर मची खींचतान पर अब बीजेपी के प्रति शिवसेना का रुख नरम पड़ता दिख रहा है। शिवसेना ने कहा कि उसने बातचीत कभी नहीं रोकी और वह गठबंधन धर्म का पालन करेगी। बता दें कि महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों में बीजेपी और उसकी सहयोगी शिवसेना को बहुमत मिला है लेकिन अभी तक दोनों दलों ने औपचारिक बातचीत तक शुरू नहीं की है। वर्तमान महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 8 नवंबर को पूरा हो रहा है।
शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, 'सेना ने गठबंधन में रहते हुए विधानसभा चुनाव लड़ा था और हम आखिरी वक्त तक गठबंधन धर्म का पालन करेंगे।' उन्होंने कांग्रेस नेता हुसैन दलवई के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने के कदम का भी स्वागत किया है। इस पत्र में दलवई ने कांग्रेस आलाकमान से महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार के गठन को समर्थन देने की गुजारिश की है।
'शिवसेना ने बातचीत नहीं रोकी'
आपको बता दें कि शुक्रवार को संजय राउत ने कहा था कि शिवसेना स्थिर सरकार के गठन के लिए नंबर जुटा सकती है। उन्होंने कहा, 'राज्य में मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि हर कोई एक-दूसरे से बात कर रहा है सिवाय शिवसेना और बीजेपी को छोड़कर।' उन्होंने कहा कि शिवसेना ने सरकार गठन की बातचीत नहीं रोकी .. लेकिन बातचीत शुरू ही नहीं हुई।
शिवसेना-एनसीपी के गठबंधन की हुई थी चर्चा
वहीं एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकात पर उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र को लेकर कई मुद्दे हैं जिस पर अलग-अलग दल के नेता आपस में बात कर रहे हैं।' बता दें कि गुरुवार को संजय राउत की शरद पवार से मुलाकात के बाद ही महाराष्ट्र में एनसीपी-शिवसेना के गठबंधन की चर्चा शुरू हो गई थी। उधर, महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने भी फुर्ती दिखाते हुए दिल्ली जाकर सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।
शरद पवार ने विपक्ष में बैठने की बात कही
हालांकि एनसीपी चीफ शरद पवार ने शुक्रवार को नासिक में कहा था कि जनता ने एनसीपी को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है इसलिए उनकी पार्टी विपक्ष में ही बैठेगी। उन्होंने सीएम पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच घमासान को बचकाना बताया था।
आठवले ने कहा- बीजेपी का सीएम होना चाहिए
महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के सीएम पद को लेकर मचे घमासान के बीच एनडीए में शामिल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) ने भी बीजेपी का समर्थन किया है। केंद्रीय मंत्री और आरपीआई के अध्यक्ष रामदास आठवले ने कहा कि महाराष्ट्र में सीएम बीजेपी का ही होना चाहिए। रामदास आठवले ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का मौका देने की गुजारिश की है।