गांव में घुसे तेंदुए का आतंक 2 मवेशियों को किया घायल
गरियाबंद। जिले में हिंसक वन्यजीवों और ग्रामीणों के बीच संघर्ष एक बार फिर प्रारंभ हो गया है। जंगलों में शिकार की भारी कमी होने के चलते अब वन्यजीव जंगल से बाहर गांव के आसपास शिकार तलाशते भटक रहे हैं। ऐसे में कई बार लोगों से आमना-सामना होने पर विचित्र स्थिति बनती है ऐसे ही कुछ हालात गरियाबंद जिले के खरहरी गांव में इस वक़्त बने हुए हैं। सड़क परसूली वन परीक्षेत्र के खरहरी गांव में तेंदुआ घरों में घुस रहा है।
बीते 3 दिन में 2 मवेशियों पर वह हमला कर चुका है वहीं तीन लोगों को दौड़ा चुका है। शुक्रवार सुबह एक वृद्ध महिला जैसे ही अपने घर के पिछले दरवाजे से बाहर निकली तेंदुआ उसके करीब आने लगा महिला के हाथ में हसिया था उसने तेंदुए को डराया और जान बचा कर वापस घर के अंदर आ गई। इसके पहले बीती शाम गांव की गली में तेंदुआ एक बालिका को दौड़ा चुका था। परसों रात तेंदुआ गांव के स्कूल के ठीक बगल में लगे घर के बछड़े का मुंह नोच लिया। तेंदुआ उसे घसीट कर अपने साथ ले जा रहा था। मगर बछड़े की आवाज सुनकर ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। शोरगुल करने पर तेंदुआ भाग खड़ा हुआ। इसके अलावा इस गांव के ग्रामीणों का कहना है कि गांव के कई आवारा मवेशी गायब है। कई जानवर नजर नहीं आ रहे हैं। संभवत तेंदुआ इन्हें अपना शिकार बनाने का आदी हो चुका है। यही कारण है कि 3 दिन बीतने के बाद भी तेंदुआ जंगल में नहीं जा रहा है गांव के अगल-बगल बना हुआ है।
3 दिन से गांव में तेंदुए की भारी दहशत है लेकिन वन विभाग इसे लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है। कल शाम काफी बुलाने पर कुछ 1 कर्मचारी पहुंचे जरूर थे मगर जिन लोगों को तेंदुआ दौड़ आया था उनका नाम लिख कर चले गए। शुक्रवार सुबह जब तेंदुए ने गांव की एक बुजुर्ग महिला पर हमला का प्रयास किया तो इसके बाद ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हुई और तेंदुए को घेर लिया। तेंदुआ एक झाड़ी में छिपा हुआ था और चारों तरफ लोग एकत्र हो गए इसकी सूचना मिलने पर वन विभाग जागा और घटनास्थल पर रेंजर पहुंचे तब जाकर लोगों को तेंदुए से दूर करने का प्रयास प्रारंभ हुआ। लोगों में इसे लेकर आक्रोश भी है कि अगर कल वन विभाग सक्रिय हो गया होता तो तेंदुआ गांव के इतने भीतर नहीं घुसता।
बरहाल रेंजर ने पिंजड़ा लगाकर तेंदुए को पकड?े की बात कही है
जिस स्थान पर तेंदुए के छिपे होने की आशंका है उसके पास पिंजड़ा लगाकर उसमें मेमना डाला गया है मेमने की आवाज और गंध के चलते जल्द तेंदुए के पिंजरे में कैद होने की संभावना वन विभाग जता रहा है।