November 24, 2024

अब कलेक्टर से लेनी होगी मंजूरी नेताओं को अपने होर्डिंग लगाने के लिए

0

भोपाल
जन्मदिन, बधाई, रैली और धार्मिक अवसरों पर नेताओं के अनाप-शनाप होर्डिंग्स व विज्ञापन लगाए जाने पर राज्य सरकार अब सख्ती बरतने जा रही है। नेता अब मनमर्जी से हर कहीं होर्डिंग्स नहीं लगा पाएंगे। इसके लिए उन्हें कलेक्टर से स्वीकृति लेनी होगी। यदि वे समय पर होर्डिंग्स नहीं हटाएंगे तो कलेक्टर जुर्माना भी लगा सकेंगे।

कैबिनेट ने तय किया है कि इस व्यवस्था को मध्यप्रदेश आउटडोर मीडिया नियम-2017 के तहत नियंत्रित किया जाएगा। साफ है कि अब चिन्हित स्थानों पर ही विज्ञापन किया जा सकेगा। गुरुवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में होर्डिंग को लेकर लंबी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री-मुख्य सचिव ने इस बात पर आपत्ति की कि पेड़, खंभों, दीवारों पर आदि पर होर्डिंग्स लगाए जा रहे हैं और उन्हें उतारा भी नहीं जाता। शहरों में कहीं पर भी नेताओं के जन्मदिन और उनके अागमन की बधाई, चुनाव धार्मिक यात्राओं आदि के होर्डिंग लगा दिए जाते हैं। बाद में इन्हें नगर निगम हटाता है और उस पर अनावश्यक खर्च भी होता है।  

यहीं नहीं, बेतरतीब लगने वाले होर्डिंग की वजह से शहर की खूबसूरती प्रभावित होती है और हादसों की आशंका बनी रहती है। मंत्रिपरिषद की बैठक में यह तय हुआ कि होर्डिंग लगाने संबंधी जो नियम पूर्व से बने हैं उन्हें और सख्त किया जाए। इसका पालन न करने वालाें पर जुर्माना लगाकर होर्डिंग हटा दिया जाए। इसके लिए नियामक संस्था बनाकर मॉनिटरिंग की जाएगी। इस पर मंत्रियों ने कहा कि संस्था एेसी न हो कि उसका एकाधिकार हो जाए। इसलिए उन्हें भी नियमों में बांधा जाए। बहरहाल, कैबिनेट में तय हुआ कि कलेक्टर होर्डिंग के लिए अनुमति देंगे और नियमों की अवहेलना करने वालों पर जुर्माना लगाएंगे। इसी के साथ नगरीय निकाय की ओर से भी कार्रवाई की जाएगी। विधि मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि इस तरह का प्रावधान चंडीगढ़ में है।

सीएम ने कहा- मेरा होर्डिंग भी दिखे तो हटा दें
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि अगर उनके भी बिना अनुमति वाले होर्डिंग लगाए जाते हैं ताे वे भी हटा दिए जाएं। उन्होंने साफ कहा कि इसमें किसी प्रकार की रियायत न हो, फिर चाहे कोई भी हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *