बाघ शावक के प्राण बचाने हुआ आपरेशन
भोपाल
कान्हा टाईगर रिजर्व के घोरिला बीट में गत 26 अक्टूबर को अत्यंत घायल अवस्था में मिले बाघ शावक के पैर का आज चिकित्सकों की टीम ने जबलपुर में ऑपरेशन किया। तीन घंटे चली शल्य क्रिया के दौरान उसके बुरी तरह क्षतिग्रस्त बायें पैर को काटना पड़ा। पैर कटने से उसका शेष शरीर सड़ने से बच सकेगा और शावक की प्राण-रक्षा हो सकेगी। शावक की उम्र तकरीबन 6 माह है। जबलपुर के स्कूल ऑफ वाईल्ड लाईफ फोरेंसिक एण्ड हेल्थ में शावक के स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी की जा रही है।
कान्हा के मुक्की स्थित चिकित्सा केन्द्र में घायल शावक का एक्स-रे किया गया था। जिसमें उसके बायें पैर की हड्डी का टूटना, टिबिया और टार्शल हड्डी के जोड़ की त्वचा और माँसपेशियों का बुरी तरह जख्मी होना पाया गया। रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संदीप अग्रवाल ने सेवानिवृत्त संचालक सर्जरी एवं रेडियालॉजी जबलपुर डॉ. बी.पी. चन्द्रपुरिया की देख-रेख में नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ वाईल्ड लाईफ फोरेंसिक एण्ड हेल्थ में कल ऑपरेशन के लिये शावक को लाया गया। यहाँ शावक के पैर की क्षति की गंभीरता को देखते हुए चिकित्सकों की टीम ने क्षतिग्रस्त पैर निकालने का निर्णय लिया।