कांग्रेस नेताओं को इनाम का इंतजार, राजनीतिक नियुक्तियां पाने के लिए सरकार पर बनाया दबाव
भोपाल
झाबुअ उपचुनाव की जीत और दिवाली के इनाम का अब कांग्रेस नेताओं को इंतजार है। यही वजह है कि राजनीतिक नियुक्तियां पाने के लिए दावेदारों ने अपने-अपने गुट के दिग्गज नेताओं से संपर्क कर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। निगम-मंडलों में सबसे प्रबल दावेदारी पूर्व विधायक जेवियर मेढ़ा की मानी जा रही है। उन्हें झाबुआ उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया को जिताने के एवज में सीएम कमलनाथ ने निगम-मंडल में एडजस्ट करने का भरोसा दिया था। यही वजह है कि मेढ़ा ने पूरी तरह भूरिया के समर्थन में काम किया। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर कल अहम बैठक हो सकती है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह खेमे के दावेदार सक्रिय हो गए हैं। निगम-मंडल के मामले में मलाईदार जगहों के लिए अधिक होड़ है, उनमें हाउसिंग बोर्ड, पर्यटन विकास निगम , खनिज विकास निगम, ऊर्जा विकास निगम, लघु उद्योग निगम, बीज विकास निगम, नागरिक आपूर्ति निगम, वेयर हाउसिंग कारपोरेशन, इंदौर-भोपाल विकास प्राधिकरण शामिल है। इसके अलावा आयोग में विभिन्न पदों के लिए वे सक्रिय हैं।
सीएम कमलनाथ ने पिछले दस महीने के दौरान लोकसभा चुनाव से पहले अब तक केवल चार राजनीतिक नियुक्ति की है। इनमें निजी विवि नियामक आयोग के अध्यक्ष पद पर स्वराज पुरी, फीस नियामक आयोग के अध्यक्ष पद पर कमलाकर सिंह, माखनलाल पत्रकारिता विवि के कुलपति के पद पर दीपक तिवारी और डॉ. अशोक सिंह को अपेक्स बैंक का प्रशासक बनाया गया है।
निगम मंडल में एडजस्ट होने वाले नेताओं की सूची लंबी है। इनमें प्रमुख रूप से पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, सुरेश पचौरी, रामेश्वर नीखरा, अरुण यादव, विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, पूर्व विधायक दीपक सक्सेना, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत, सरताज सिंह, लक्ष्मण सिंह, बिसाहूलाल सिंह, मुकेश नायक, चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी, चंद्रप्रभाष शेखर,पूर्व मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल, केके मिश्रा, मोहम्मद सलीम, पूर्व सांसद असलम शेर खान, प्रदेश महिला कांगे्रस अध्यक्ष मांडवी चौहान सहित कई नेता शामिल हैं। इनके अलावा उपाध्यक्ष राजीव सिंह, मीडिया प्रभारी शोभा ओझा, प्रदेश अध्यक्ष समन्वयक नरेंद्र सलूजा, पंकज चतुवेर्दी, जेपी धनोपिया, विभा पटेल भी शामिल हैं।
सरकार जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में बनने वाली 12 सदस्यीय कमेटी बनाने जा रही है। इसमें जिला स्तर की सरकार में वह अपने नेता और कार्यकतार्ओं को भागीदारी बढ़ाना चाहती है। सरकार इसमें सक्रिय और वरिष्ठ कांगे्रस नेताओं को एडजस्ट करेगी। जैसा कि पिछली सरकार ने अंत्योदय कमेटी बनाई थी। कांगे्रस संगठन ने इस कमेटी के लिए जिलाध्यक्षों से नाम बुलाए हैं।