कृषि विभाग : रासायनिक उर्वरक तैयार करने वाली पांच कंपनियों के उर्वरक निर्माण में अनियमितता, लाइसेंस निरस्त
भोपाल
कृषि विभाग ने रासायनिक उर्वरक तैयार करने वाली पांच कंपनियों के उर्वरक निर्माण में अनियमितता मिलने पर उनके विक्रय लाइसेंस निरस्त कर दिए है। बचे हुए रासायनिक उर्वरक को बेचने के लिए तीस दिन की अनुमति दी गई है। ऐसा नहीं करने पर इनका सारा स्टाक जप्त कर लिया जाएगा।
जिन कंपनियों की इंदौर के उर्वरक गुण नियंत्रण हेतु संभागीय स्तरीय निरीक्षण दल ने जांच की थी और वहां विभिन्न अनियमितताएं पाई गई थी उनमें इंडिस्ट्रयल एरिया मेघनगर झाबुआ की मेसर्स एग्रोफास इंडिया लिमिटेड द्वारा निर्मित उर्वरक के विक्रय पर रोक लगाई गई है। कंपनी के पास उपलब्ध सिंगल सुपर फास्फेट की बिक्री के लिए एक माह का समय दिया गया है। मेघनगर की ही मेसर्स बालाजी एग्रो आर्गे्रनिक्स का विक्रय लाइसेंस निरस्त किया गया है। उसे फास्फेंट रिच आॅर्गेनिक मेन्यूर का स्टाक बेचने के लिए एक माह का समय दिया गया है।
मेघनगर में रासायनिक उर्वरक बनाने वाली मोनी मिनरल्स एण्ड ग्राइंडर्स के द्वारा रासायनिक उर्वरक के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है।बचे हुए दानेदार एनपीके मिश्रण को बेचने के लिए तीस दिन का समय दिया गया है। इसी तरह झाबुआ के मेघनगर में मेसर्स रॉयल एग्रीटेक के कारखाने मे अनियमितता मिलने पर उसका विक्रय लाइसेंस निलंबित किया गया है। उसे बचे हुए फास्फेट रिच आॅर्गेनिक मेन्यूर के विक्रय के लिए तीस दिन का समय दिया गया है।
मेघनगर की त्रम्बकेश्वर एग्रो इंडस्ट्रीज में मिली अनियमितता के चलते उसके विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया था। अब दानेदान एनपी के मिश्रण उर्वरकों के शेष स्कंध को बेचने के लिए तीस दिन का समय दिया गया है।इसके बाद बचा हुआ स्टॉक शासन द्वारा जप्त कर लिया जाएगा।