नगालैंड में राशन जमा कर रहे लोग, हाई अलर्ट
गुवाहाटी
नगालैंड शांति समझौते पर केंद्र सरकार और NSCN (नैशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड) के बीच बातचीत अपने आखिरी चरण में पहुंचने के साथ ही नगालैंड और मणिपुर को हाई अलर्ट पर रख दिया गया है। दरअसल, अधिकारियों को आशंका ही बातचीत के नतीजे से कुछ गुटों में नाराजगी पैदा हो सकती है। नगालैंड के डीजीपी टी जॉन लॉन्गकुमर ने शुक्रवार को बताया कि करीब 60 साल से लटके नागा शांति समझौते पर दस्तखत किया जाना सबसे ज्यादा मुश्किल काम हो सकता है।
प्रतिकूल स्थिति से निपटने की तैयारी
जॉन ने बताया कि सशस्त्र पुलिस की सात रिजर्व बटैलियन को स्टैंडबाइ पर रखा गया है। इसके अलावा दो महीने का राशन और ईंधन भी जमा कर लिया गया है। मणिपुर के उखरूल जिले में प्रशासन ने सिविल सप्लाइ डिपार्टमेंट से जरूरी सामान जमा करके रखने को कह दिया है ताकि किसी तरह के प्रतिकूल स्थिति पैदा होने पर सप्लाइ में बाधा न हो। बता दें कि उखरूल में ही NSCN (IM) के महासचिव थुइंगलैंग मुइवाह का जन्म हुआ था।
छुट्टियां कैंसल
नगालैंड के बाहर सबसे ज्यादा नागा आबादी मणिपुर में रहती है। यहां पुलिस प्रशासन ने इंफाल वेस्ट जिले के सभी कर्मियों की छुट्टियां कैंसल कर दी है। NSCN (IM) की पहली मांग यह है कि ऐसे सभी क्षेत्रों का एकीकरण किया जाए जहां नागा आबादी रहती है। मणिपुर हमेशा इसके खिलाफ रहा है। जब जॉन से यह पूछा गया कि आखिर अब जब समझौता अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है, नगालैंड अनिश्चितता के लिए क्यों तैयार है, तो उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ गुट फैसले से सहमत हो सकते हैं, और कुछ नहीं।
राष्ट्रीय नागा ध्वज की मांग
कई सिविल सोसायटी आर्गनाइजेशन और स्टूडेंट यूनियन्स ने पहले ही बातचीत से बाहर रखे जाने पर नाराजगी जाहिर की है। प्रभावशाल नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भी दिया जिसमें एक नागा राष्ट्रीय ध्वज के जरिए नागा पहचान को अस्तित्व दिए जाने की मांग की गई है। केंद्र सरकार और NSCN (IM) के बीच हुई बातचीत के आखिरी चरण में अलग झंडे और संविधान को लेकर गतिरोध खत्म नहीं किया जा सका। हालांकि, दोनों पक्ष इस पर दोबारा बातचीत के लिए तैयार हैं।
31 अक्टूबर की तारीख तय
सूत्रों ने बताया है कि पहली मीटिंग आखिरी बातचीत से पहले मुद्दों को हल्का करने के लिए रखी गई थी, न कि फैसले पर पहुंचने के लिए। पीएम मोदी ने इंटरलॉक्यूटर और नगालैंड के राज्यपाल आर.एन. रवि के लिए शांति समझौते पर पहुंचने के लिए 31 अक्टूबर की तारीख तय की है।