भाजपा विधायक भीमा मंडावी की नक्सल हमले में हत्या की जांच एनआईए को
बिलासपुर
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य शासन को झटका देते हुए भाजपा विधायक भीमा मंडावी की नक्सल हमले में हत्या की जांच से जुड़े सभी दस्तावेज 15 दिन के अंदर एनआईए को सौंपने का आदेश दिया है।
बता दें कि दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी नौ अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार कर श्यामगिरी से दंतेवाड़ा लौट रहे थे। रास्ते में नक्सलियों ने आइडी ब्लॉस्ट कर उनका वाहन उड़ा दिया। मौके पर ही विधायक भीमा की मौत हो गई जबकि सुरक्षा में साथ चल रहे चार जवान भी शहीद हो गए थे।
नक्सली मौके से एक नाइन एमएम की पिस्टल, रायफल व मोबाइल लेकर फरार हो गए थे। नक्सली वारदात होने के कारण मामले की जांच एनआईए को करनी थी। राज्य शासन ने एनआईए को जांच से रोकते हुए दंतेवाड़ा पुलिस को जांच का आदेश दिया। इसके खिलाफ एनआईए ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की।
इसमें कहा गया कि एनआईए एक्ट के तहत नक्सली वारदात होने के कारण जांच का अधिकार एनआइए के पास है। राज्य सरकार उन्हें जांच से नहीं रोक सकती है। हाई कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के उपरांत स्थानीय पुलिस की जांच पर रोक लगाते हुए शासन से जवाब मांगा था। शासन ने जवाब प्रस्तुत कर कहा कि एनआइए एक्ट राज्य शासन के अधिकार का हनन नहीं कर सकता है। इस कारण मामले की जांच का अधिकार पुलिस को है।
एनआईए चाहे तो पुलिस की जांच में सहयोग कर सकता है। जस्टिस आरसीएस सामंत ने सुनवाई के उपरांत आदेश पारित करते हुए राज्य शासन को भीमा मंडावी हत्याकांड के सभी दस्तावेज व केस डायरी जांच के लिए 15 दिन के अंदर एनआइए को सौंपने का आदेश दिया है।