62.01% वोटरों ने डाले वोट, 10 महीने पहले हुए विस चुनाव से 2.54% कम पड़े मत
झाबुआ
आज सोमवार सुबह सात बजे से झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के लिए वोटिंग शुरु हो चुकी है। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की भीड़ है।मतदाता अपने नए विधायक को चुनने के लिए उत्साहित नजर आ रहे है। इस सीट से कुल 5 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुक़ाबला कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया और बीजेपी के भानु भूरिया के बीच है। झाबुआ चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आएंगे।सुरक्षा के लिए चार केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल की कंपनियों सहित पुलिसकर्मी तैनात हैं। रानापुर के मतदान केंद्र समोई 237 पर ईवीएम खराब होने से वोटिंग रोकी गई है। नई मशीन आने के बाद फिर से वोटिंग शुरु की जाएगी। वही उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी भानू भूरिया ने ग्राम दोतड़ में सुबह मतदान किया। कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया ने भी परिवार के साथ मतदान किया।
झाबुआ विधानसभा सीट में झाबुआ, राणापुर, कल्याणपुर और अलीराजपुर का उदयगढ़ व बोरी इलाका शामिल है। इस दौरान कुल 356 पोलिंग बूथ पर वोट डाले जाएंगे, जबकि मतदाताओं की संख्या 2 लाख 76 हजार है।इसमें महिला वोटर की संख्या 1 लाख 37 हजार 882, तो पुरुष वोटरों की संख्या 1 लाख 39 हजार है।सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। वोटिंग के लिए 356 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।सुरक्षा व्यवस्था के लिए 3 हजार पुलिसकर्मी और केंद्रीय बल की 4 कंपनियां तैनात की गई हैं। पोलिंग बूथ पर वेब कास्टिंग और सीसीटीवी से निगरानी रखी जा रही है। हर मतदान केंद्र पर मोबाइल सेक्टर मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी के रूप में 100 मोबाइल दल मौजूद रहेंगे, जबकि 356 पोलिंग बूथ में से 61 केंद्र को संवेदनशील माना गया है।
चुनाव मैदान में पांच उम्मीदवार
चुनाव मैदान में पांच उम्मीदवार हैं। इसमें कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया, भाजपा से भानु भूरिया और तीन निर्दलीय कल्याण सिंह डामोर, निलेश डामोर और रामेश्वर सिंगार शामिल हैं। दोनों प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस ने ये सीट जीतने के लिए अपना पूरा दम लगा दिया है। झाबुआ सीट हमेशा से कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है, लेकिन बीजेपी ने इसमें सेंध लगा दी थी, इसिलए कांग्रेस अपना किला फिर जीतने के लिए मैदान में उतरी है और बीजेपी अपनी सीट बचाने की कोशिश में है।
मशीनें सेक्टर ऑफिसरों को दी गई
ईवीएम और वीवीपैट की खराबी के चलते मतदान प्रभावित न हो, इसके लिए 20 प्रतिशत मशीनें सेक्टर ऑफिसरों को दी गई हैं। यह लोग मतदान के दौरान भ्रमण पर रहेंगे। जहां कहीं से भी ईवीएम या वीवीपैट में खराब होने की सूचना मिलेगी, वहां पहुंचकर तत्काल बदलवाएंगे। इस बार आयोग के निर्देश पर 200 प्रतिशत मशीनों का इंतजाम किया गया है।
इसलिए हो रहे उपचुनाव
झाबुआ में पहले उपचुनाव की नौबत इसलिए आई क्योंकि 2018 में विधायक बने गुमानसिंह डामोर को मई 2019 में सांसद बनने का भी मौका मिल गया। दोनों संवैधानिक पद पर एक साथ नहीं रह सकते थे। एक पद से इस्तीफा देना जरूरी था। डामोर ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद झाबुआ की सीट रिक्त हो गई। इसलिए अब नया विधायक चुनने के लिए उपचुनाव हो रहा है।