मनाएं ईको फ्रेंडली दिवाली
रोशनी का त्यौहार दिवाली हर साल हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। हालांकि इसी दिन सबसे ज्यादा पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है, जिसके लिए पटाखे, प्लास्टिक, केमिकल युक्त चीजें आदि जिम्मेदार हैं। तो क्यों न इस बार ईको फ्रेंडली दिवाली मनाई जाए? ऐसा आप कैसे कर सकते हैं इसके लिए हम बता रहे हैं कुछ काम के टिप्स।
पटाखों से दूरी
जी हां, सबसे पहले तो पटाखों से दूरी बनाएं। ये चीजें कुछ देर का मजा तो दे सकती हैं लेकिन पर्यावरण को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा देती हैं जिसके ठीक होने में लंबा समय लग जाता है। पटाखों से न सिर्फ वायु प्रदूषण बल्कि ध्वनि प्रदूषण भी फैलता है। इतना ही नहीं इससे खासतौर से बुजुर्गों और बच्चों की सेहत को भी काफी नुकसान पहुंचता है।
केमिकल रंगोली से दूरी
आमतौर पर बाजार में केमिकल युक्त रंगोली के कलर्स मिलते हैं। इसकी जगह नैचरल कलर्स खरीदें। ये थोड़े महंगे जरूर पड़ेंगे लेकिन ये पर्यावरण और आपकी सेहत के लिहाज से सबसे बेहतर हैं।
प्लास्टिक फूलों से दूरी
प्लास्टिक के फूल भले ही सस्ते आएं लेकिन बेहतर ऑप्शन नैचरल फूल ही हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये फूल बायॉडिग्रेडेबल होते हैं जो किसी भी तरह से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते। वहीं प्लास्टिक के फूलों को नष्ट करना मुश्किल होता है।
मिट्टी के दीये का इस्तेमाल
इलेक्ट्रिक लाइट्स के ज्यादा इस्तेमाल से बचें और इसकी जगह मिट्टी के दीयों का इस्तेमाल करें। मिट्टी के दीयों के यूज से इलेक्ट्रिसिटी बचाने में मदद मिलेगी जो न सिर्फ बिल को कम करेगा बल्कि इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करने में लगने वाले नैचरल सोर्सेज की कम खपत में भी आप सहयोग कर सकेंगे।