November 22, 2024

नजरबंद उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की रिहाई मुश्किल 

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 नई दिल्ली 
कश्मीर में नजरबंद महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला सहित तमाम अन्य प्रमुख नेताओं की रिहाई शांति कायम रखने के शपथ पत्र पर दस्तखत किए बिना होनी मुश्किल है। बंद नेताओं से विभिन्न स्रोतों से संपर्क किया गया है। उनकी नजदीकी रिश्तेदारों और नेताओं से मेल मुलाकात का सिलसिला चल रहा है।

केंद्र ने सुरक्षा एजेंसियों से मिले फीडबैक के आधार पर तय किया है कि सुरक्षा से किसी भी हालत में समझौता नहीं किया जाएगा। खुफिया रिपोर्ट में जताई गई आशंकाओं की वजह से अभी इन नेताओं की रिहाई में देरी हो सकती है। सुरक्षा बल, सरकारी एजेंसियां के सहयोग से कश्मीर में ज्यादातर हिस्सों में अमन चैन का माहौल है। पाक की बौखलाहट के बावजूद सुरक्षा बलों की सतर्कता की वजह से आतंकी किसी बड़ी वारदात को अंजाम नही दे पाए हैं। ऐसे में सरकार का पहला लक्ष्य लोगों का भरोसा जीतने की मुहिम को जारी रखना है।

सुरक्षा से समझौता नहीं: अधिकारियों के मुताबिक हिरासत में रखे गए लोगों की क्रमिक रूप से रिहाई होगी। लेकिन सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट और शांति कायम रखने की शर्त से कोई समझौता नही होगा। लोगों को भड़काने के बजाय नेताओं को समझना होगा कि धारा अनुच्छेद अतीत हो चुका है। 
 

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