रायपुर : प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालतों की तैयारी शुरू : राजधानी रायपुर में हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री दिवाकर ने ली वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक
उच्च न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालयों तक 9 सितम्बर को होगा राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन जोगी एक्सप्रेस
रायपुरराज्य में उच्च न्यायालय से लेकर जिला और तहसील न्यायालयों के स्तर पर अगले माह की नौ तारीख को राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय और राज्य सरकार ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। इस सिलसिले में आज यहां ें राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री प्रीतिंकर दिवाकर ने राज्य शासन के मुख्यसचिव श्री विवेक ढांड सहित वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को राष्ट्रीय लोक अदालतों में राज्य शासन से संबंधित ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों का निराकरण सुलह समझौते के आधार पर करवाने के निर्देश दिए। बैठक में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और उच्च न्यायालय के विधिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी, न्यायमूर्ति श्री पी.सेम कोसी भी उपस्थित थे।
बैठक में न्यायमूर्ति श्री प्रीतिंकर दिवाकर ने कहा कि 9 सितम्बर को सर्वाेच्च न्यायालय सहित देश के सभी उच्च न्यायालयों और सभी निचली अदालतों में एक साथ लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें न्यायालयों के लंबित प्रकरणों का पक्षकारों के बीच आपसी समझौते से निराकरण हो सकेगा और संबंधित पक्षकारों को शीघ्र न्याय मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य शासन से संबंधित सर्विस मेटर बड़ी संख्या में न्यायालय में लंबित हैं। इन प्रकरणों में विशेष रूचि लेकर लोक अदालत में निराकरण कराया जाए, ताकि पक्षकारों को इसका लाभ मिल सके। राज्य अतिथि गृह ’पहुना’ में आयोजित बैठक में न्यायमूर्ति श्री दिवाकर ने कहा कि न्यायालयों में विद्युत विभाग से संबंधित भी बड़ी संख्या में प्रकरण लंबित है, जिनमें पक्षकारों को जुर्माना अधिरोपित किया गया है। बड़ी संख्या में पक्षकारों के जुर्माना भी माफ किया गया है। इसलिए लोक अदालत के संबंध में सभी पक्षकारों सूचना दी जाए।
न्यायमूर्ति श्री दिवाकर ने श्रम विभाग और वन विभाग से संबंधित बड़ी संख्या में प्रकरण लंबित होने का उल्लेख करते हुए कहा कि इन विभागों को लंबित प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से कराने के लिए निर्देशित किया जाए। इसके अलावा राज्य शासन से संबंधित अन्य प्रकरण भी न्यायालयों में लंबित है, जिनका निराकरण लोक अदालत में कराया जाए। इन लोक अदालत में दीवानी, फौजदारी, राजस्व, वैवाहिक मामले, मोटर दुर्घटना दावा, चेक बाऊंस, बैंक रिकव्हरी, मजदूरी से संबंधित प्रकरण, जमीन से संबंधित विधिक मामले, नौकरी संबंधी मामले, बैंक, निषेधाज्ञा आदि से संबंधित प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। उन्होंने सभी पक्षकारों को लंबित प्रकरणों का लोक अदालत के माध्यम से निराकृत कराने के लिए उच्च न्यायालय में सचिव, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जिला न्यायालय में जिला न्यायाधीश अथवा अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, तहसील न्यायालय में वरिष्ठ न्यायाधीश अथवा अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति से सम्पर्क करने की अपील की है।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्री एम. के. राऊत, प्रमुख सचिव विधि श्री रविशंकर शर्मा, प्रमुख सचिव गृह श्री वी.वी.सुब्रमण्यम, पुलिस महानिदेशक श्री ए.एन.उपाध्याय सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव और सचिव उपस्थित थे।