सत्य साईं संजीवनी अस्पताल परोपकार एवं निःस्वार्थ सेवा का अनूठा उदाहरण: राज्यपाल सुश्री उइके
राज्यपाल पीडियाट्रिक कार्डियक सोसायटी ऑफ इंडिया के वार्षिक सम्मेलन में हुई शामिल
रायपुर,राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज नवा रायपुर, अटल नगर स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में आयोजित दो दिवसीय पीडियाट्रिक कार्डियक सोसायटी ऑफ इंडिया (च्ब्ैप्द्ध के 20वें वार्षिक सम्मेलन में शामिल हुई। राज्यपाल ने सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में नवनिर्मित ब्लड बैंक और इम्पेक्ट असेसमेंट एंड काउंसलिंग सेंटर का शुभारंभ किया। उन्होंने अस्पताल का अवलोकन किया और ऑपरेशन के बाद स्वस्थ हो चुके बच्चों से मुलाकात की।
राज्यपाल सुश्री उइके ने अपने संबोधन में कहा कि श्री सत्य साई बाबा कहते थे कि मनुष्य का शरीर परोपकार के लिए है और इस परोपकार एवं निःस्वार्थ सेवा का अनूठा उदाहरण श्री सत्य साई संजीवनी हॉस्पिटल है। संस्था द्वारा जो सेवा कार्य किया जा रहा है वह मानव सेवा का अतुलनीय उदाहरण है। छत्तीसगढ़ का यह “बिना कैश काउंटर वाला अनोखा अस्पताल” पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। यहां हर वर्ष सैकड़ों बच्चे हृदय रोग का निःशुल्क इलाज कराकर स्वस्थ होकर जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस बात से मुझे और ज्यादा प्रसन्नता होती है कि इस अस्पताल में भारत के छत्तीसगढ़ से सबसे ज्यादा 18 हजार से भी अधिक मरीज सलाह के लिए आ चुके हैं और छत्तीसगढ़ के ही 16 सौ से अधिक बच्चों के दिल की सर्जरी पूर्णतः निःशुल्क हो चुकी है।
राज्यपाल ने कहा कि श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल असलियत में एक मंदिर है। इस हॉस्पिटल में पीडियाट्रिक कार्डियक सोसायटी ऑफ इंडिया (च्ब्ैप्द्ध के 20वें वार्षिक सम्मेलन का सफल आयोजन से यह अपने आप सिद्ध हो गया है कि छत्तीसगढ़ स्थित यह अस्पताल शिशु हृदय रोग निदान के लिए सर्वोत्कृष्ट केंद्र है। शिशु हृदय रोग से जुड़े डाक्टरों तथा अन्य सभी के लिए यह आयोजन एक कुम्भ मेले जैसा है। निश्चित ही ‘सब का साथ, सब का विकास, सब का आत्मविश्वास’, इस संदेश के साथ सम्मेलन का निष्कर्ष शिशु हृदय रोग के उपचार के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
राज्यपाल ने कहा कि “रक्त दान, महा दान” है। यहां ब्लड बैंक की शुरूआत होना बहुत ही सराहनीय एवं प्रासंगिक कदम है। यह ब्लड बैंक मरीजों के परिजनों के रक्त दान हेतु वरदान साबित होगा। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और श्री मधुसुदन साईं ने भी अपना संबोधन दिया। इस अवसर पर चिकित्सकगण और संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित थे।