November 22, 2024

पाकिस्तान से आने वाले प्रदूषण से और जहरीली हुई दिल्ली की आबोहवा

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 चंडीगढ़ 
पाकिस्तान में पराली जलाने से दिल्ली सहित अन्य उत्तर भारतीय शहरों की आबोहवा जहरीली हो गई है। पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (पीआरएससी) और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के हालिया विश्लेषण में यह बात सामने आई है। पीआरएससी और पीएयू गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व से पहले पंजाब व उसके आसपास के इलाकों में खेतों में पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रख रहे हैं। दोनों संस्थानों ने आठ-नौ अक्तूबर को उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों में पाकिस्तान के लाहौर, बशीरपुर, हवाली लाखा और बहावलनगर में बड़े पैमाने पर खेतों में पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की हैं। 

विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हरियाणा के कैथल, पहोवा और अंबाला में भी धान की पराली जलाने की घटनाओं में इजाफा हुआ है। पीआरएससी के वरिष्ठ वैज्ञानिक अनिल सूद कहते हैं, ‘अक्तूबर में हवा उत्तर-पश्चिमी दिशा से बहती है। ऐसे में संभव है कि पाकिस्तान से उठने वाले धुएं में मौजूद प्रदूषक भारत पहुंचकर दिल्ली, अमृतसर, लुधियाना, चंडीगढ़ सहित अन्य उत्तरी राज्यों की आबोहवा को और दूषित करें। ये शहर पहले ही वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर से जूझ रहे हैं।’ पीएयू में जलवायु परिवर्तन और कृषि मौसम विज्ञान विभाग की प्रमुख डॉ. प्रभज्योत कौर सिद्धू ने कहा, पराली जलाने से पीएम-2.5 के स्तर में भारी इजाफा होता है। 
 
अकेले एनसीआर में 16 हजार मौतें
दिल्ली के लिए यह खासतौर पर चिंता का सबब है, जहां पीएम-2.5 का औसत स्तर 700 माइक्रोग्राम के करीब रहता है। ‘कॉर्नेल एंड इंटरनेशनल मेज एंड व्हीट इंप्रूवमेंट सेंटर’ के हाल ही में प्रकाशित अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में प्रदूषण (खासकर पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण) से अकेले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हर साल औसतन 16 हजार लोगों की असामयिक मौत हो जाती है। एनसीआर के लोगों की औसत जीवन प्रत्याशा में छह साल की कमी भी आती है।

550वें प्रकाश पर्व में खलल डालने की साजिश
‘एग्रिकल्चर पंजाब’ के निदेशक सुतंतर कुमार ने पाकिस्तान में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि को गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व समारोह में खलल डालने की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद से लगातार ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने की अपील की जा रही है। हालांकि, उसने कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। वह नहीं चाहता कि भारत में प्रकाश पर्व अच्छे से मने।

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