जांच में जुटा प्रवर्तन निदेशालय, दाऊद इब्राहिम के सहयोगी के साथ प्रफुल्ल पटेल की लैंड डील?
मुंबई
पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल की कंपनी के दाऊद इब्राहिम के एक सहयोगी के साथ फाइनैंशल और लैंड डील करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहा है। आरोप है कि एनसीपी नेता की फैमिली की ओर से प्रमोटेड कंपनी और 'मिर्ची' के नाम से कुख्यात दिवंगत इकबाल मेमन के बीच फाइनैंशल डील हुई थी। पटेल फैमिली की ओर से प्रमोटेड कंपनी मिलेनियम डिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मिर्ची फैमिली के बीच हुए लीगल अग्रीमेंट की ईडी की ओर से जांच की जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि इस डील में पटेल फैमिली की कंपनी मिलेनियम डिवेलपर्स को मिर्ची फैमिली की ओर से एक प्लॉट दिया गया था। यह प्लॉट वर्ली में नेहरू प्लैनेटेरियम के सामने प्राइम लोकेशन पर मौजूद है। इसी प्लॉट पर मिलेनियम डिवेलपर्स ने 15 मंजिला कमर्शल और रेजिडेंशल इमारत का निर्माण किया है। इसका नाम सीजे हाउस रखा गया है।
बीते दो सप्ताह में मुंबई से लेकर बेंगलुरु तक में 11 लोकेशंस पर छापेमारी के दौरान बरामद किए गए दस्तावेजों के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय जांच में जुटा है। डिजिटल सबूत, ईमेल और डॉक्युमेंट्स को सीज किए जाने के बाद एजेंसी ने अब 18 लोगों के बयान दर्ज कर लिए हैं। इनमें से एक दस्तावेज वह भी है, जिसके मुताबिक पटेल फैमिली की कंपनी को ट्रांसफर हुआ प्लॉट पहले इकबाल मेमन की पत्नी हजरा मेमन के नाम पर था।
200 करोड़ रुपये की जगह मिर्ची की पत्नी को
यही नहीं इस प्लॉट के रीडिवेलपमेंट को लेकर दोनों पक्षों के बीच हुए अग्रीमेंट के दस्तावेज भी पाए गए हैं। 2006-07 में हुई इस डील के मुताबिक सीजे हाउस की दो मंजिलें मेमन फैमिली को दिए गए। ईडी के सूत्रों का कहना है कि इमारत के इन दो फ्लोर्स की कीमत 200 करोड़ रुपये के करीब है। प्रफुल्ल पटेल और उनकी पत्नी मिलेनियम डिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के शेयरहोल्डर हैं। सूत्रों का कहना है कि जांच में जुटे ईडी ओर से पटेल फैमिली के मेंबर्स को तलब किया जा सकता है।
ED पूछेगा, मिर्ची की पत्नी को क्यों दिए दो फ्लोर
ईडी के एक सूत्र ने कहा, 'उन लोगों से स्वाभाविक तौर पर यह पूछा जाएगा कि आखिर इमारत के दो फ्लोर हजरा मेमन को दिए गए। इसके अलावा इस डील में अन्य कोई फाइनैंशल लेनदेन के बारे में भी पूछा जाएगा।'