IRCTC ने शाही ट्रेन ” महाराजा एक्सप्रेस” का ग्वालियर स्टॉपेज किया ख़त्म
ग्वालियर
विदेशी पर्यटकों को हमेशा आकर्षित करने वाले ग्वालियर में अब उनकी संख्या कम होने वाली है जिसकी वजह है शाही ट्रेन " महाराजा एक्सप्रेस" । IRCTC ने इसका ग्वालियर स्टॉपेज ख़त्म कर दिया है। नई व्यवस्था के तहत अब इसे ओरछा रोका जाएगा।
आंकड़ों के हिसाब से ग्वालियर में हर साल 250 से 300 विदेशी पर्यटक आते हैं और इनसे लगभग 60 लाख रुपए की आय होती है। इनमें से ज्यादातर पर्यटक "महाराजा एक्सप्रेस"से ही आते है । लेकिन अब ये ग्वालियर ना रुकते हुए सीधे ओरछा जाएंगे। IRCTC ने अब इसका ग्वालियर स्टॉपेज ख़त्म कर ओरछा को नया स्टॉपेज बनाया है। गौरतलब है कि विदेशी पर्यटक ग्वालियर में किला, ASI का म्यूजियम , गूजरी महल और जयविलास पैलेस म्यूजियम देखते थे उसके बाद झाँसी और ओरछा जाते थे। अब ट्रेन का स्टोपेज ख़त्म होने से ना सिर्फ विदेशी पर्यटकों की संख्या घटेगी बल्कि उनसे होने वाली 60 लाख रुपये सालाना की आय का भी नुक्सान होगा। खास बात ये है कि द इन्डियन पैनोरमा टूर के तहत ग्वालियर आने वाली इस ट्रेन के नाम से ग्वालियर का नाम अपनी वेबसाइट से भी हटा दिया है। यहाँ ग्वालियर की जगह ओरछा का नाम लिख दिया है।
ग्वालियर में हर साल 250 से 300 विदेशी पर्यटक आते हैं । इस ट्रेन की अंतर राष्ट्रीय ब्रांडिंग होती है जिसमें ग्वालियर की ब्रांडिंग भी होती थी लेकिन अब ये नहीं हो सकेगी। उधर स्टॉपेज ख़त्म करने की वजह यहाँ घटती विदेशी पर्यटकों की संख्या को बताया जा रहा है। पर्यटन को बढ़ावा देने में लगे और नए प्रोग्राम चलाने वाले भारत सरकार के संस्थान IITTM के पीआरओ एवं पर्यटन विशेषज्ञ चंद्रशेखर बरुआ इसे उचित निर्णय नहीं मानते। उनका कहना है इससे ग्वालियर की अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग पर असर पड़ेगा जो भविष्य के हिसाब से सही नहीं है। यदि स्टोपेज पुनः स्थापित नहीं किया गया तो विदेशी पर्यटको के आने का सिलसिला थम जायेगा।