डिंडौरी में किसानों के साथ हुआ फर्जीवाड़ा, कमलनाथ के मंत्री ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
डिंडौरी
मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले (Dindori District) में मृदा परीक्षण (Soil Testing) के नाम पर किसानों के साथ फर्जीवाड़ा किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद कृषि विभाग के अधिकारी अपनी करतूतों को छिपाने के लिए लीपापोती में जुट गए हैं, तो वहीं डिंडौरी विधायक व प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम (Cabinet Minister Omkar Markam) ने केंद्र सरकार (Central Government) की योजना पर सवाल खड़े किए हैं. दरअसल, टारगेट पूरा करने के नाम पर कृषि विभाग के अधिकारीयों ने सरकारी दस्तावेजों में फर्जी तरीके से किसानों का नाम दर्ज कर केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में पलीता लगाने का काम किया है.
हम आपको बता दें कि डिंडौरी जिले में छोटे बड़े मिलाकर कुल 2 लाख 25 हजार 700 किसान हैं. जबकि कृषि विभाग के अधिकारी का दावा है कि अब तक 1 लाख 54 हजार 735 किसानों का मृदा परीक्षण कर उन्हें मृदा परीक्षण स्वास्थ्य कार्ड सौंपा जा चुका है. जबकि न्यूज़ 18 कृषि विभाग के दावों की पड़ताल करने के लिए जिला मुख्यालय से एक किलोमीटर दूर लुकामपुर गांव पहुंचा तो किसानों ने बताया कि न तो कभी उनके खेतों का मृदा परीक्षण किया गया है और न ही उन्हें मृदा परीक्षण से संबधित कोई जानकारी है. जिला मुख्यालय से लगे गांव में जब किसानों को मृदा परीक्षण के बारे में जानकारी तक नहीं है तो दूरदराज के गांवों में क्या हाल होंगे, इसका अंदाजा बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है.
गौरतलब है कि वर्ष 2017 में मोदी सरकार ने फसलों की पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से किसानों का निःशुल्क मृदा परीक्षण कराने की योजना शुरू की थी, लेकिन अफसरों की मनमानी के चलते किसानों के लिए बनाई गई यह महत्वाकांक्षी योजना दम तोड़ते नजर आ रही है. कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को दिखावा करार दिया है. जबकि कृषि विभाग के अधिकारी गोलमोल बातें कर अपनी जवाबदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं.