सरोगेट माँ के लिए निर्धारित होगी अब धन राशि :रायपुर बेबीलान में डाक्टरों और समाज सेवियों ने की चर्चा
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रायपुर सरगेसी और सर्गेट मदर के लिया जल्द ही एक रकम निर्धारित कर दी जाएगी इसी के तहत अस्पतालों को सर्वगेसी के केस देखने होंगे रायपुर ओबेस्त्रिक एंड दय्गोनाल्गिस्ट सोसयटी और इंडिया क्वालितिलित सोसयटी छत्तीसगढ़ चैप्टर की और से सर्वगेसी और a.r.t. की और से बिल पर आयोजित वर्कशॉप में मौजूद एक्सपर्ट्स ने ये बात कही सर्वगेसी से दूर कारने अफवाहे और लीगल आस्पेक्ट कर चर्चा कारने आयोजित कार्यक्रम में art लॉ यानि अस्सिस्तेत रेप्रोदेक्टिव तेच्नोलाग्जी पर डाक्टर अधिवक्ता और सोशल वर्क्स ने विस्तार से चर्चा की फोर्तिलिती लॉ केयर अदेवोकाते राधिका थापर बहल ने बताया की इंडियन पार्लियामेंट में भी इस पर चर्चा हो चुकी है atr बिल २०८.२०१०,२०१४. में संसोधन कर नया विचार लाया जा रहा है ,सर्व्गेत मदर को मिनिमम से मैक्स्स्मम कितना अमाउंट दिया जाना चाहिए ये भी चर्चा है ,कार्यक्रम में मौजूद दोक्टार्स ने दावा किया की आज भी सर्वगेसी के एम् ओ यू में डिटेल्स लिखी जाती है दोक्टार्स उतनी ही फीस लेते है , जितना इलाज के दौरान लगता है ,बाकि रकम सर्व्गेत मदर को दे दी जाती है ,
डिस्कसन नितिन भंसाली ने दिए सुझाव
डिस्कसन फोरम में सामाजिक कार्यकर्त्ता नितिन भंसाली ने अपने विचार रखते हुए कहा की कई बार सर्व्गेत मदर बन्ने के लिए फैमिली की फीमेल सदस्यों पर दवाब बनाया जाता है ,हसकर भाभी ननद . चची ,बुआ जेसे रिश्तेदारों के दवाब में आकार महिला फैमिली की ही कोई महिला सर्व्गेत मदर बन्ने के लिए तैयार हो जाती है ,परन्तु जन्म के बाद बच्चे के साथ सर्व्गेत मदर भवनात्मक रूप से जुड़ जाती है ,जिस से पैरेंट्स के सामने दिक्कत खाड़ी हो जाती है !अय्से में किसी बहरी महिला को ही सर्व्गेत मदर बनना उचित है ,कार्यक्रम में सिंगल पैरेंट बन्ने के मुद्दे पर चर्चा की गई ,कार्यक्रम में स्वस्थ आयुक्त आर प्रसन्ना डॉ, मनोज चेलानी ,डॉ, ज्योति जायसवाल ,सहित काफी लोग मौजूद रहे !