बच्चों के अधिकारों पर अभिभावकों और आंगनबाड़ी कार्यकताओं को किया गया जागरूक
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आज आयोग कार्यालय में दो सत्रों में दंपत्तियों के लिए ‘समझदार पालक-सशक्त प्रदेश‘ और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए ‘आह्वान‘ विषय पर उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती प्रभा दुबे ने कहा कि आज व्यस्त जीवन होने के कारण माता-पिता बच्चों को पर्याप्त समय नही दे पा रहें हैं, जिससे बच्चों को उनका वास्तविक अधिकार नही मिल पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कारवान व सशक्त बनाने के साथ ही सामाजिक और व्यवहारिक ज्ञान देना जरूरी है। श्रीमती दुबे ने बच्चों को चार अधिकार जीवन जीने का अधिकार, संरक्षण, विकास और सहभागिता का अधिकार देने पर जोर दिया।
कार्यशाला में आयोग के सचिव श्री प्रतीक खरे ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बाल अधिकार व संरक्षण के जरूरी पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने बच्चों के साथ भेदभाव न करते हुए एक समान व्यवहार करने की बात कही। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों के साथ अधिक संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करने की अपील की। कार्यशाला को आयोग की सदस्य सुश्री टी.आर. श्यामा, श्रीमती इंदिरा जैन ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व अभिभावक उपस्थित थे