बिहारपुर क्षेत्र में मौत का तांडव लगातार जारी ,मलेरिया से गई एक और मासूम की जान, एक गम्भीर प्रशासनिक दावे हो रहे खोखले साबित
जोगी एक्सप्रेस
शशि जायसवाल
ओड़गी , जिला मुख्यालय के सुदुर अंचल क्षेत्र कहे जाने वाले बिहारपुर क्षेत्र में मलेरिया का प्रकोप दिन-ब-दिन बढ़ता देखा जा रहा है जिस पर प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य कैंप लगाकर लगातार मलेरिया पीड़ितों के स्वास्थ्य में सुधार होने का दावा किया जा रहा है परंतु यह सभी दावे बिहारपुर में बढते मौत के आंकडो से खोखले साबित होते दिखाई दे रहे हैं जिसने प्रशासन द्वारा लगाये गये स्वास्थ्य कैंप की पोल खोल कर रख दी है |
विदित हो की बिहारपुर क्षेत्र के कोल्हुआ गाँव में मौत का सिलसिला लगतार जारी है , वहिं मलेरिया से मरने वालों कि संख्या अब बढ़कर 13 हो चुकी है |सूत्रों से प्रॉप्त जानकारी के अनुसार रामकली पिता मोहरजीत लगभग उम्र 08 वर्ष जाती पंडो निवासी कोल्हुआ की
मृत्यु आज मलेरिया बुखार से हो गई जिसका इलाज कोल्हुआ कैम्प में चल रहा था वही सूत्रों ने यह भी बताया की मृतक रामकली के छोटे भाई को भी आज चिकित्सको ने गम्भीर अवस्था में मेडिकल कालेज रेफर किया जिसके बारे में भी कुछ कहा नही जा सकता है ।
ग्रामवासियों ने प्रशासनिक दावो पर उठाई उँगली
ओड़गी विकास खण्ड के ग्राम पंचायत कोल्हुआ में जिला समेत संभाग तक के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन दौरा कर मलेरिया पीडित क्षेत्र का जायजा लिया जा रहा है, तथा प्रशासनिक उच्च अधिकारियों की माने तो इस क्षेत्र के कई स्थानों पर चिकित्सकों का दल स्वास्थ्य शिविर लगाकर मलेरिया जाँच कर निःशुल्क दवाओं का वितरण कर रहे है तो वही दूसरी तरफ ग्रामीणों द्वारा इन स्वास्थ्य शिविरों पर ऊँगली उठाया जा रहा है ।उनका कहना है स्वास्थ्य जांच शिविर में जिन चिकित्सको की ड्यूटी लगाई गई है वह सभी शाम को बिहारपुर जाकर रात्रि विश्राम करते है एवम सुबह 11 बजे के बाद ही आते है ।अगर कोल्हुआ स्वास्थ्य शिविर में रात्री के समय चिकित्सकों की मौजुदगी रहती तो शायद इस मासूम का समय पर उपचार मिलने से उसकी जान बच सकती थी ।
जहाँ एकतरफ प्रशासन द्वारा 9 दिनों से लगभग 45 टीमो द्वारा विभिन्न स्थानों पर कैम्प लगवा मलेरिया पीड़ितों के इलाज के साथ स्तिथि नियंत्रण में होने का दावा किया जा रहा है तो वही दूसरी तरफ एक ही परिवार के दो बच्चों में से एक की मौत और दूसरे की गम्भीर अवस्था में उच्च स्तरीय जांच हेतु मेडिकल कालेज रेफर किया जाना प्रशासन के द्वारा प्रभावित क्षेत्र में उपलब्ध कराये गये चिकित्सा व्यवस्था की पूर्ण रूप से पोल भी खोल रहा है जो की एक चिंतनीय विषय है।