लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के बयान को लेकर बवाल
नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के बयान से बवाल हच गया है. ओम बिरला ने कहा ब्राह्मणों का समाज में स्थान ऊंचा है, इस बयान को विपक्षी दलों ने ‘जातिवादी टिप्पणी’ करार दिया है. राजनीतिक डालो ने इसे भाजपा का असली हिन्दू वादी चेहरा बताया है.
समाज में ब्राह्मणों का हमेशा से उच्च स्थान रहा है। यह स्थान उनकी त्याग, तपस्या का परिणाम है। यही वजह है कि ब्राह्मण समाज हमेशा से मार्गदर्शक की भूमिका में रहा है। pic.twitter.com/ZKcMYhhBt8
— Om Birla (@ombirlakota) September 8, 2019
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि यही ‘वह मानसिकता है जो जाति के आधार पर बंटे असमान भारत को बढ़ावा देती है.’ गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने भी इस बयान की निंदा की और लोकसभा अध्यक्ष से माफी मांगने को कहा. सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘ओम बिरला: लोकसभा अध्यक्ष ने कहा : ‘ब्राह्मण जन्म से ही उच्च समझे जाते हैं’. यही मानसिकता जाति के आधार पर बंटे असमान भारत को बढ़ावा देती है. बिरला जी, हम आपका सम्मान इसलिए नहीं करते, क्योंकि आप ब्राह्मण हैं बल्कि इसलिए करते हैं क्योंकि आप लोकसभा अध्यक्ष है.”
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन आवैसी ने कहा कि संविधान सभी के लिए न्याय, समानता एवं बंधुत्व का वादा करता है. उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि बाबा साहेब (आम्बेडकर) ने कहा था, जब तक अन्य मनुष्यों के साथ बंधुत्व और सम्मान की भावना नहीं होगी, ‘आजादी कुछ लोगों का कई लोगों पर प्रभुत्व उत्पन्न करेगी’. हम ऐसे भारत में नहीं रह सकते, जहां एक जाति दूसरी जाति से ऊंची हो.”
Sir with due respect,Constitution promises Justice,Equality & Fraternity to all. As Babasaheb said, unless there’s fraternity & respect towards fellow humans “liberty will produce the supremacy of the few over many”. We can’t live in an India where one caste is superior to others https://t.co/16HfQaSJIz
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 11, 2019
बतादें बिरला ने रविवार को कोटा में ‘ब्राह्मण महासभा’ के एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद ट्वीट किया था, ‘‘समाज में ब्राह्मणों का हमेशा से उच्च स्थान रहा है. यह स्थान उनकी त्याग, तपस्या का परिणाम है. यही वजह है कि ब्राह्मण समाज हमेशा से मार्गदर्शक की भूमिका में रहा है.”