PM मोदी के 17 मंत्रियों का आज भी मेगा प्रचार: सरकार के 100 दिन
नई दिल्ली -मोदी सरकार की दूसरी पारी के 100 दिन पूरे होने पर मंत्रियों का मेगा प्रचार आज भी जारी रहेगा. पूरे देश में 17 केंद्रीय मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. मुंबई में मीडिया को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी संबोधित करेंगे, जबकि ममता दीदी के गढ़ यानी कोलकाता में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी बोलेंगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चेन्नई में सरकार के कामों का बखान करेंगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दूसर कार्यकाल के 100 दिन पूरे हो गए हैं. इस दौरान ‘निर्णय’ शब्द प्रभावी रहा. मोदी 2.0 सरकार में यह दिखाने का प्रयत्न किया गया कि कैसे मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में साफ तौर पर बड़े और महत्वपूर्ण निर्णयों को लेने में पूरी तरह सक्षम है.
सदन में मजबूत संख्या 303 वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार के 100 दिन पूरे होने पर इसका हिसाब देने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर रविवार को सामने आए और उन्होंने कहा, “सरकार ने तेजी से देश हित के निर्णय लिए.”
संवाददाता सम्मेलन में जो एक मुद्दा केंद्र में रहा, वह ‘कश्मीर’ था. एक घंटे से अधिक समय तक हुई प्रेस-वार्ता के दौरान सरकार ने अपनी उपलब्धियों को पूरे जोर-शोर से सामने रखा. अनुच्छेद 370 को रद्द करने और जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेकर उसे दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) बनाए जाने के फैसले को मंत्री ने साहसिक कदम बताया.
मंत्री ने कहा, “शुरुआत के 100 दिनों में हमने कई ऐतिहासिक फैसले लिए. इन फैसलों की तैयारी चुनाव से पहले शुरू हो गई थी और प्रथम 100 दिनों के लिए पथ-प्रदर्शक लक्ष्य निर्धारित किए गए थे.”
कश्मीर में सामान्य हालात के बारे में उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति सामान्य हो रही है, स्कूलों को पुन: खोला गया है और संचार माध्यमों को कई चरणों में चालू किया जा रहा है. उन्होंने कई विदेशी मीडिया में प्रकाशित आलेखों के दावों को झूठा बताया.
सरकार ने तीन तलाक विधेयक को भी एक बड़ी उपलब्धि करार दिया. कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए जावड़ेकर ने कहा, “वोट बैंक की राजनीति के कारण पिछली सरकारें इस विधेयक को लेकर नहीं आईं.”
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 के अनुसार, तीन तलाक देने को अपराध की श्रेणी में शामिल कर दिया गया है, जिसके लिए तीन साल की सजा का प्रावधान भी किया गया है.