भगवान गणेश की प्रतिमा को आकार देने में जुटे मूर्तिकार, 22 वर्षो से कसडोल में दे रहे सेवा
(भानु प्रताप साहू)
बलौदाबाजार/कसडोल। गणेशोत्सव को लेकर अंचल में 2 माह से तैयारी शुरू हो चुका है। मूर्तिकार मिट्टी को प्रतिमा का अंतिम रुप देने में लगे हैं। प्रथम पूजनीय भगवान गणेशोत्सव की स्थापना इस वर्ष 2 सितंबर को हो रहा है। अंचल के बलौदाबाजार, कसडोल, लवन, कटगी, हसुआ, सेल, गिधौरी, बिलाईगढ़, भटगांव, टुंड्रा सहित अन्य जगहों में स्थानीय समितियों द्वारा गणेशोत्सव को लेकर तैयारी जोरों पर है। एक ओर जहां समितियां पंडालों को आकर्षण रूप देने में लगें हुये हैं, तो वही दूसरी ओर मूर्तिकार भी भगवान श्री गणेश की प्रतिमा बनाने में जुटे हुए है।
*2 सितंबर हो होंगे स्थापित*
साल 2019 में गणेशोत्सव का पर्व 2 सितंबर दिन सोमवार को मनाया जायेगा। पौराणिक मान्ताओं के अनुसार भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इनके जन्म का उत्सव पूरे भारत वर्ष में बड़े ही धूमधाम से 10 दिनों तक मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में भगवान गणपति की स्थापना करते हैं और फिर 9 दिनों तक उसकी विधि-विधान पूजा करने के बाद 10वें दिन उस मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी विसर्जन 12 सितंबर को होगा।
*प्रतिमाओं की बढ़ी मांग*
कसडोल नगर के मुख्य मूर्तिकार अविनाश साहू एंव अनिल साहू ने बताया कि इस वर्ष मंहगाई की मार को प्रतिमा पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है। लेकिन फिर भी अंतिम वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष प्रतिमा की मांग बढ़ी है, मूर्तिकार ने आगे बताया कि उनके द्वारा सत्र 1998 से लगातार कसडोल नगर में भगवान गणेश की प्रतिमा बनाते आ रहे है, इस वर्ष उनके द्वारा लगभग 250 से ऊपर छोटे-बड़े मूर्ति बनाये गए है। जिसमे भारी मात्रा में मिट्टी, पैरा, लकड़ी, रस्सी एंव पैंट का इस्तेमाल किया गया है।
*नगर होता है गुंजायमान*
गणेशोत्सव में कसडोल नगर में दर्जनों जगहों पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित किया जाता है जिसमे पूरे 9 दिन नगर पूरी तरह गुंजायमान सहित भक्तिमय प्रतीत होता है इसके साथ ही नगर में जगह-जगह भगवान गणेश की कीर्तन, भजन, आरती का दौर चलता रहता है, भगवान गणेश की स्थापना के 9 दिन बाद अंतिम दिन भंडारा कर भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जन किया जाता है।