आवारा पशु बने धनपुरी वासियों के लिए मुसीबत :समाज सेवी राकेश सोनी ने समस्या के लिए नगर पालिका को ठराया जिम्मेदार
जोगी एक्सप्रेस मध्यप्रदेश
जमिलुर्रहमान
शहडोल धनपुरी आवारा पशुओं की रोकथाम की व्यवस्था प्रशासनिक सुस्ती के चलते औंधे मुंह गिरी पड़ी है। स्वच्छंद घूमने वाले आवारा पशु मुसीबत बने हुए हैं। किसानों की फसलों को यह चट कर रहे हैं तो ¨हिंसक होकर जानलेवा भी साबित हो रहे हैं। इसके बावजूद इनके रोकथाम के लिए प्रयास प्रशासनिक स्तर से नहीं किए जा रहे हैं। ¨धनपुरी नगर पालिका द्वारा कांजी हाउस धरातल पर स्थापित किए गया हैं? हाल फिलहाल बंध्याकरण, पकड़े जाने की शुरुआत प्रशासन ने नहीं की है। आवारा पशुओं में बंदर, कुत्ता, सुअर, सांड़, भैसा जनता के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। शासन ने भले ही नियम कायदे बनाए हों, लेकिन धनपुरी नगर में यह बेमाने साबित हो रहे हैं। प्रशासनिक अमले को इसे अमल में लाने तक की सुधि नहीं है। जानवरों पर नियंत्रण के लिए बनाए गए बंध्याकरण की नीति का पालननगर में नहीं हो रहा है। प्रशासन द्वारा शुरुआत न होने से इसके विरोध की नौबत तक नहीं आई है। । वन विभाग को बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ने की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन फिलहाल यह मामला भी ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।नगर पालिका धनपुरी क्षेत्र में आवारा पशु भारी संख्या में हैं लेकिन इनकों पकड़कर कहां ले जाएंगे इसलिए अभियान नहीं चलाया जाता तो इस का खामियाजा यहाँ के लोगो को उठाना पड़ रहा फिलहाल अभी कोई राहत नगरवासियों को नज़र नहीं आ रही ।
सब्जी बाजार में आवारा पशुओं की बढ़ती जंग नागरिको के जान की आफत
सब्जी बाजार में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या के कारण यहां आने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस दिशा में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आवारा पशुओं की वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। नगर की सड़कें आवारा पशुओं की वजह से आए दिन लाल हो जाती हैं। आवारा पशुओं को पकड़कर कांजी हाउस में डालने की मांग स्थानीय निवासि हमेशा करते आ रहे परन्तु नगर पालिका धनपुरी को सिर्फ साप्ताहिक बाज़ार से वसूली से मतलब ।छुट्टा पशुओं द्वारा नुकसान किए जाने से तंग आ चुके दूर दराज़ गाव से आने वाले व्यपारी अब अपनी सुरक्षा के लिए धनपुरी व्यपार कारने ही नहीं आ रहे है । जिस से नगर के अन्दर आने वाली सब्जियों में ताज़ी सब्जिय नगर वासियों को मिल जाती थी ! नगरवासियों की परेशानी ये है कि यदि जानवरों को पकड़ भी लिया जाए तो उन्हें कहां बंद कराया जाए। नगर क्षेत्र में बना ब्रिटिश काल का काजी हाउस था जो अब नगर में कही ढूढने से भी नहीं मिल रहा ।
आवारा पशुओं की ठिकाना बनीं नगर की सड़कें
आमतौर पर लोगों का झुंड यदि एक साथ बैठकर गप्पें हांकता मिलता है तो लोगों के मुंह से बरबस निकल आता है- क्यों भाई किस बात की पंचायत हो रही है. इस नजरिये से धनपुरी की सड़कों पर आवारा पशुओं की पंचायत लगती है. इनके लिए कोई जगह तय नहीं है. जब, जहां इनकी मर्जी होती है पंचायत लगा देते हैं. धनपुरीवासियों के लिए यह सबसे बड़ी समस्या है. मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक में इन आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है. ये सड़क पर ब्रेकर की तरह पड़े रहते हैं. इन आवारा पशुओं से निबटने के लिए नगर निगम कतई संजीदा नजर नहीं आ रहा. इनकी गैर संजीदगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ऐसे पशुओं के लिए स्थिति बदतर है. नगर के अन्दर गोलबाजार ,सब्जी मंडी ,पुराना नगरपालिका ,इममाम बाड़ा ,आज़ाद चौक ,मायकल चौक , बैंक ऑफ बड़ोदा बुढार रोड ,रोजी प्रिंटिंग प्रेस तिराहा ,ज्वालमुखी रोड , जी ऍम ऑफिस ,से लेकर लगभग पुरे नगर में एन आवारा पसुओ की धमाल चौकड़ी देखने को आसानी से मिल जाती है !
बढ़ती ही जा रही संख्या
आये दिन दुर्घटना का शिकार हो रहे राहगीर
सड़कों के विभिन्न चौक-चौराहे पर दुर्गंध देते कचरों की ढेर पर गायें, बकरियों, सूअरों तथा कुत्तों की पंचायत सी लगी नजर आना आम बात हो गयी है. रोड जाम की प्रमुख वजह जानवर आराम फरमाने के लिए सड़कों के बीचोंबीच पसरे रहते हैं. इससे जाम की समस्या तो होती ही है, आये दिन आने-जाने वाले वाहनों व लोगों के लिए मुसीबत का सबब भी बन जाता है. इस कारण कई बार वाहन चालक दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं.नगर के जिस रास्ते से भी होकर गुजरा जाय, ऐसे दर्जनों आवारा जानवर मटरगश्ती करते मिल जाते हैं. ऐसे आवारा जानवरों के बीच से होकर लोग चलने को मजबूर हैं. लोगों को हमेशा यह डर सताता रहती है कि पता नहीं नहीं कब कौन गाय की झुंड में से सींग मार दे या फिर कोई कुत्ता ही काट खाये. बस ये होता है कि पंचायत करते हुए जानवरों एवं नगर पालिका की व्यवस्था को कोसते हुए अपने गंतव्य की ओर लोग निकल पड़ते हैं.
इनका कहना है …..
धनपुरी नगर के प्रतिष्ठित समाज सेवी राकेश सोनी ने बताया कि बरसात की वजह से आवारा पशुओ द्वारा सड़क को ही अपना आशियाना बना लेने से जीप, बस, ट्रक, कार का आवागमन इसी मुख्य मार्ग से होता है जहाँ पर आवारा पशु जुगाली करते बैठे रहते है जिससे आवागमन बाधित होता है . आवारा पशुओ को हटाने के चक्कर में मोटर चालको द्वारा रात में भी प्रेशर हॉर्न जोर जोर से बजाया जाता है जिससे सड़क से लगे मकानों में रहना दुर्भर होता जा रहा है . चूँकि ध्वनि प्रदुषण का मानव जीवन पर बुरा दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है, साथ ही यहाँ निवासरत बुजुर्गो को रात में सोने के लिए काफी मश्शकत करनी पड़ती है . परन्तु नगरपालिका धनपुरी आमसमस्याओ को छोड़कर निर्माण कार्यो में अपनी रूचि ज्यादा दिखा रही है. धनपुरी के अंतर्गत आने वाले 24 वार्डो में लोगो का जीना मुहाल है . नगरवासी किस्से फरियाद करे , कहाँ अपनी शिकायते दर्ज कराए यह सवाल जन मानस के मन मस्तिस्क में कौंध रहा है !
राकेश सोनी
धनपुरी नगर के व्यापारी संघ के अध्यक्ष अजय जयसवाल ने बताया कि बघिया नाले से लेकर रीवां चौक तक आवारा पशुओ का कब्ज़ा है. सारी रात वाहनों का आना जाना लगा रहता है जिस पर लगे प्रेशर होर्नो की वजह से हर समय भय की स्थिति बनी रहती है कि कहीं वाहन घर के अन्दर न घुस जाये . लोग नगरपालिका की इस उदासीनता के कारण अब किसी कड़े निर्णय पर विचार कर रहे है . हमारे नगर में अब लोगो के यहाँ रिश्तेदार भी आने से कतराने लगे है
अजय जयसवाल .
धनपुरी नगर के प्रतिष्ठित नागरिक व भाजपा के वार्ड क्रमांक 15 के अध्यक्ष रवि सिंह कश्यप ने बताया कि इन दिनों हालत बाद से बदतर हो चले है . आवारा पशुओ द्वारा गंदगी फैलाना आम बात है . परन्तु बारिश के दिनों में यह गंदगी जानलेवा बीमारियों को निमंत्रण भी देती है . श्री कश्यप ने आगे कहा कि नगरपालिका धनपुरी की उदासीनता से नगर के अन्दर मौसमी बीमारियों के साथ ही सडक दुर्घटना का बड़ा कारण बनता जा रहा है . यदि समय रहते नगरपालिका धनपुरी इस पर कोई ठोस कदम नहो उठती तो वार्डवासियो द्वारा नगरपालिका कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया जायेगा .
रवि सिंह कश्यप
नगर के थोक गल्ला व्यापारी संजू चांदवानी ने बताया कि नगरपालिका धनपुरी को इसकी समुचित व्यवस्था करनी चाहिए व नगर के अन्दर कांजी हॉउस का निर्माण करना चाहिए जिससे आवारा पशुओ पर सडको में खुलेआम विचरण करने से रोक लग सके . बरसात का मौसम होने के कारण इन आवारा पशुओ द्वारा किये गये गंदगी से कई संक्रामक बीमारियों का भी खतरा बना रहता है .
संजू चांदवानी
नगर के युवा व्यापारी रमन नामदेव ने बताया कि नगरपालिका की उदासीनता के कारण आये दिन जाम की स्थिति बनी रहती है साथ ही आवारा पशुओ द्वारा लड़ाई झगडा करने से लोगो के जान पर बन आती है . क्या नगरपालिका का ये दायित्व नही है कि यहाँ के निवासियों की सुरक्षा का ध्यान रखे . सडको पर आवारागर्दी कारने वाले जानवर अब मुसीबत का बड़ा कारण बन गये है . निर्माण कार्यो से ज्यादा कांजी हाउस की आवश्यकता है .