बुढ़ापे में बुधवारो को मिलेगा निश्चित ठिकाना : प्रधानमंत्री आवास योजना से दूर हुई चिंता
jogi express
कोरबा कल तक वृद्धा बुधवारो चिंतित थी कि वह बुढ़ापे में भला अपने जर्जर कच्चे मकान में कैसे रहेगी। मजदूरी कर जैसे-तैसे उसके पति ने न सिर्फ घर में रोजी रोटी की व्यवस्था की। बड़ी मुश्किल से मिट्टी का एक आशियाना बनाया। एक दिन पति चल बसे। फिर क्या बुधवारो बाई पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बच्चों को पालन पोषण कर बड़ा किया और घर की पूरी जिम्मेदारी निभाई, फिर भी एक पक्का मकान न बना सकी। एक तरफ समय के साथ जैसे-जैसे कच्चा मकान जर्जर होती चली गई वैसे-वैसे वृद्धा बुधवारो बाई की घबराहट एवं चिंताएं भी बढ़ती चली गई। एक दिन उसे मालूम हुआ कि प्रधानमंत्री आवास योजना में उसका नाम जुड़ा है और उसे भी सभी गरीबों की तरह पक्का मकान मिलेगा।
लेकिन सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 में नाम जुड़ने के साथ प्रधानमंत्री आवास के लिए हकदार बनी बुधवारो बाई को नहीं मालूम था कि यह कैसी योजना है। आवास बनने से पहले उसे इस बात का भी डर था कि कहीं उसे गांव से दूर खाली जगह पर घर बनाकर न दे-दें। हितग्राही सूची में नाम होने के पश्चात जब आवास हेतु राशि जारी हुई और पुराने घर के पास ही पक्का मकान निर्माण शुरू हुआ तो बुधवारो बाई अब फूले नहीं समा रही है। उसे खुशी है कि शासन के प्रयास से उसका भी पक्के का मकान गांव में बन रहा है।
पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड अन्तर्गत ग्राम बोड़ानाला बांगों डूबान के तट पर बसा हुआ गांव है। इसी गांव में एक साथ अनेक गरीबों के पक्के का मकान बन रहा है। गांव की बुधवारो बाई को भी पक्का मकान मिलने वाला है। प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित बुधवारो बाई के पति जीवित नहीं हैं। उसने बताया कि वे जीते जी उसके पति द्वारा पक्का मकान नहीं बनवाया जा सका क्योंकि हम लोग गरीब थे और जो भी कमाते थे वह बस पेट भरने के लिए था। जैसे-तैसे एक कच्चा मकान ही था जो जर्जर हो चुका था। बुधवारो बाई ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम आने के साथ ही उसका भी पक्के का मकान बन रहा है। पहले बुढ़ापे में जर्जर घर की मरम्मत के बारे में सोचकर घबराती थी। रूपये के अभाव में मरम्मत भी नहीं करा सकती थी, लेकिन अब प्रधान मंत्री आवास योजना से पक्का मकान बन रहा है तो उसे न सिर्फ बहुत खुशी हो रही है, अपितु बुढ़ापे में एक निश्चित ठिकाने की बनी समस्या भी दूर हो गई है।
उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में प्रधानमंत्री अवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में 12501 एवं वर्ष 2017-18 में 12264 आवास का लक्ष्य मिला है। सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 की सर्वे सूची में शामिल हितग्राहियों को इस योजना का लाभ मिलता है। आवास निर्माण हेतु एक लाख बीस हजार की राशि हितग्राहियों के खाते में तीन किश्तों में प्रदान की जाती है। आवास का निर्माण हितग्राहियों के देखरेख में किया जाना होता है। इस योजना से सबसे ज्यादा लाभ आवासविहीन परिवारों को हो रहा है।