नंदकुमार साय को पद ही जोगी जी का विरोध करने के लिए दिया गया है : विक्रांत तिवारी
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष छत्तीसगढ़ में जाती की कर रहे खोज :विक्रांत तिवारी
जोगी एक्सप्रेस
बिलासपुर छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री श्री अजित जोगी जी के जाती प्रकरण में आये दिन रमन सरकार के मंत्रियों की बयानबाजी का दौर चालू है जिसपे धार विपक्षी काँग्रेस पार्टी के नेता दे रहे है।उक्त प्रकरण पर विरोध करने में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय इस हद तक उतर आए की संविधान और न्यायलय की भी अवमानना कर बैठे। अपने पद का दुरुपयोग सार्वजनिक रूप से करते हुए उन्होंने संवैधानिक पद की गरिमा को भी तक पर रख दिया और अधिकारियों को बैठक में ही अजित जोगी एवं अमित जोगी पर करवाही करने धमकी दे डाली।उनके इस कृत्य का विरोध करने और इसकी पुनरावृति न हो इस के लिए आज जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) के जिले के पदाधिकारी राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन देने गए।पिछले दिनों अ.ज.जा आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय ने पूरे देश को छोड़ कर बिलासपुर जिले के मंथन सभागृह में बैठक आहूत की जहां अनुसूचित जाति जनजाति के उत्थान पर चर्चा करने के बजाए जोगी जी की जाती प्रकरण पर चर्चा की गई।बैठक में सार्वजनिक रूप से अध्यक्ष ने अधिकारियों को धमकी के लहजे में जोगी जी पर कार्यवाही करने का दबाव बनाया जो कि पुर्णतः पद का दरुपयोग है।जिसका जकाँछ ने विरोध किया।जिला अध्यक्ष संतोष दुबे एवं जिला प्रभारी ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने कहा कि जोगी जी का जाती प्रकरण अभी न्यायलय में है, उसपर हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट आई है जो कि न्यायलय का अंतिम फैसला नही है इसपर अपील की भी तैयारी की जा रही है। इसलिए जो भी प्रकरण न्यायलय में लंबित हो उसपर एक संवैधानिक पद पर बैठे नेता का बयान ओर करवाही की धमकी न्यायलय की अवमानना है।इस मुद्दे पर राज्यपाल को तत्काल संज्ञान लेकर नंदकुमार साय पर कार्यवाही की जानी चाइए।।प्रदेश महिला अध्यक्ष सहजादी कुरैशी ने नंदुकामर साय की निंदा करते हुए कहा कि साय अपनी दुश्मनी निभाने के चक्कर में संवैधानिक पद की गरिमा को चोट पहुचाई है।मीडिया अध्यक्ष एवं जिला प्रवक्ता विक्रान्त तिवारी ने कहा कि नंदकुमार साय को पद ही जोगी जी का विरोध करने के लिए दिया गया है, केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार सिर्फ अजित जोगी को बदनाम करने चाहती है जिसके लिए एक आदिवासी नेता को मोहरा बनाया जा रहा है। जोगी जी आदिवासी थे आदिवासी है और आदिवासी रहेंगे।उनपर आई रिपोर्ट पूरी तरह फ़र्ज़ी है। जिसपर न्यायलय जल्द ही निर्णय लेगी लेकिन उसके पहले किसी भी संवैधानिक पद पर बैठे नेता द्वारा अगर दबाव पूर्वक किसी प्रकार की करवाही करने अधिकारियों को मजबूर किया जाएगा तो पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करने हम बाध्य रहेंगे।जोगी काँग्रेस ने ज्ञापन में राज्यपाल से मांग की आगे से इस प्रकार किसी के द्वारा पड़ का दुरुपयोग न किया जाए इस बात को आप सुनिश्चित करें। ज्ञापन देने वालो में मुख्य रूप से ब्रजेश साहू, शहजादी, ज्ञानेंद्र उपाध्याय, संतोष दुबे, विश्वम्भर गुलहरे, विकाश दुबे, जीतू ठाकुर, समीर अहमद, बंटी खान, गजेन्द्र श्रीवास्तव, विक्रांत तिवारी, रसीद बख्श, डीकेस डहरिया, देवनारायण साहू, लक्ष्मी भार्गव, मालिक राम डहरिया, राजेश्वर भार्गव, चित्रकांत श्रीवास, आशुतोष पांडे, शेख अफजल, सूरज मिश्रा, सुरेन्द्र देवगन, विजय दुबे, आशुतोष शर्मा, अंकित मिश्रा, वैभव गायकवाड, दीपक चौरसिया, राजकुमार यादव, आकाश दुबे, इमरान जोगी, चंद्रकांत केसरी आदि कार्यकर्त्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.