भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवे स्थान से खसकर सातवें स्थान पर आने के लिये कांग्रेस ने मोदी सरकार के कुनीतियों को जिम्मेदार ठहराया
रायपुर/ विश्व में भारत के अर्थव्यवस्था की पांचवे स्थान के हट कर सांतवे स्थान पर पहुंचने के लिये कांग्रेस ने केन्द्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि मोदी सरकार के आर्थिक निरपक्षता, वित्तीय कुप्रबंधन और अकुशल सोच के चलते भारतीय अर्थवयवस्था निरंतर गिरते जा रही है। नोटबंदी और जी.एस.टी. के कुप्रभाव से उद्योग, व्यवसाय नहीं उभर पा रहे है। जो मोदी सरकार की गलत नीतियों का ही परिणाम हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी सरकार के द्वारा प्रस्तुत किये गये जीडीपी के आंकड़े मोदी सरकार के द्वारा अपनाये गये जीडीपी प्रक्रिया और जीडीपी निर्धारण के लिये जिन कंपनियों को पैमाना बनाया गया था, उनमें से 36 फीसदी का कोई पता नहीं चला और उनका वर्गीकरण गलत तरीके से किया गया था। विश्व में भारत के अर्थव्यवस्था पांचवे पायदान से गिरकर सातवें पायदान पर आना मोदी सरकार के द्वारा प्रस्तुत किये गये आर्थिक ग्रोथ के अविश्वसनीय होने को प्रमाणित करता है। अर्थव्यवस्था और जीडीपी मोदी सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है। जी.डी.पी. नहीं संभाल पाने पर जी.डी.पी. केल्कुलेशन का फार्मूला ही बदल दिया गया। उसके बाद भी देश की वित्तीय हालात गिरते जा रही है, जो गंभीर चिंता का विषय है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि भारत के सिर से दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था का ताज छिन गया है। अर्थवयवस्था की दृष्टि से भारत सातवे पायदान पर पहुंच गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था के साल 2018 में सुस्त रहने की वजह से भारत को अब बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है। विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में ब्रिटेन और फ्रांस की अर्थव्यवस्था में भारत के मुकाबले ज्यादा ग्रोथ रिकार्ड की गई, जिस वजह से इन दोनों से एक-एक पायदान का छलांग लगाया है, ब्रिटेन 5 स्थान पर पहुंच गया है जबकि 6 वे स्थान पर फ्रांस काबिज हो गया है। जिस वजह से भारत 5 वे से खिसक कर 7 वे स्थान पहुंच गया है। इस लिस्ट में अमेरिका टॉप पर बरकरार है। आंकडों के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था साल 2018 में महज 3.01 फीसदी बढ़ी, जबकि इसमें साल 2017 में 15.23 फीसदी का इजाफा देखा गया था। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 2018 में 6.81 फीसदी बढ़ी, जिसमें साल 2017 में महज 0.75 फीसदी का उछाल आया था। इसके अलावा अगर फ्रांस की बात करें तो साल 2018 में इसकी अर्थव्यवस्था 7.33 फीसदी बढ़ी जो कि साल 2017 में सिर्फ 4.85 फीसदी बढ़ी थी। इस तरह भारतीय अर्थव्यवस्था 2017 के मुकाबले 2018 में सुस्त रही, जिस वजह से भारत इस रैंकिंग में पिछड़ गया, विश्व बैंक के ताजा आंकड़ो को देखें तो 2018 में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था बढ़कर 2.82 ट्रिलियन डॉलर हो गई, जबकि फं्रास की अर्थव्यवस्था 2.78 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़कर हो गई है। वही भारत की अर्थव्यवस्था साल में 2.73 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच पाई है। (तकरीबन 18 हजार खरब) के सिर यह ताज सजा था, जबकि ब्रिटेन 6 वे स्थान और फ्रांस 7 वे स्थान पर काबिज था। तो भारत के सातवे स्थान पर पिछड़ने के पीछे डॉलर के मुकालबे रूपये का कमजोर होना सबसे बड़ी वजह है। साल 2017 मे डॉलर के मुकाबले रूपये में तीन फीसदी का उछाल आया था। लेकिन साल 2018 में डॉलर के मुकाबले रूपया 5 फीसदी लुढ़क गया था। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने अगले पांच वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने की बात की गई है ऐसे में विश्व बैंक का ये ताजा आंकड़ा परेशान करता है।