बाबू जी बिसाहू दास महंत ने पृथक छत्तीसगढ़ की थी कल्पना , कांग्रेस प्रदेश सचिव राजेन्द्र बंजारे
रायपुर,छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं पूर्व जनपद अध्यक्ष राजेंद्र पप्पू बंजारे ने बाबू जी बिसाहूदास महंत की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए याद किया कि बाबूजी जनप्रिय राजनेता थे। चार बार मध्यप्रदेश में कैबिनेट मंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में उनके ऐतिहासिक कार्य निर्वहन की क्षमता को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। बाबूजी कबीर पंथी होने के साथ-साथ गांधीवादी विचारक थे। सादा जीवन उच्च विचार की गरिमा को हर हमेशा जीवन की उच्चतम मूल्य मानते थे। सरलता, सहजता व मिलन सरिता के वे एक जीवंत प्रतिमूर्ति थे। कांग्रेस प्रदेश सचिव राजेन्द्र बंजारे ने आगे बताया बाबू जी बिसाहू दास महंत पृथक छत्तीसगढ़ की कल्पना, छत्तीसगढ़ी भाषा की कल्पना, हंसती खिलखिलाती संस्कृति का सपना देखा था।आज भले ही बाबूजी हमारे बीच नहीं है किंतु अप्रत्यक्ष रूप से उनका वरदहस्त एवं आर्शिवाद हम सबके ऊपर बना रहता है। उनके त्यागमय जीवन से प्रेरणा लेकर हम कठिन लक्ष्य को संभव बना सकते हैं। बाबूजी ने हमेशा राजनीति को एक सेवा का कार्य माना है। अपनी कल्पना के अनुरूप अपने कार्यकाल में वे पृथक छत्तीसगढ़ को नहीं देख पाए लेकिन हम सबके लिए हल चलाकर बीज बोकर चले गए।