राहुल गांधी इस्तीफा देने के फैसले पर अड़े
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2019 में हार के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की 25 मई को हुई बैठक में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी. उनके इस फैसले में उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने साथ दिया, जबकि संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस पर विचार करने की बात कही थी. अब कांग्रेस कार्यसमिति ने राहुल गांधी का इस्तीफा स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया है. हालांकि, राहुल अभी भी अपने फैसले पर अडिग हैं.
राहुल का कहना है कि वह इस्तीफा देने के बाद नए अध्यक्ष की मदद करेंगे. हालांकि, इस्तीफे की पेशकश के बाद पार्टी नेताओं ने राहुल गांधी से फैसला वापस लेने की गुहार लगाई थी. इसके बाद राजस्थान और गुजरात समेत ज्यादातर राज्यों के कांग्रेस नेताओं ने भी उनसे इस्तीफा वापस लेने को कहा. कई राज्यों के कांग्रेस अध्यक्षों ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा राहुल गांधी को सौंप दिया था.
गोगोई ने कहा कि लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष की जरूरत होती है. राहुल की गैर-मौजूदगी में मजबूत विपक्ष कौन बनेगा? केवल एक पार्टी है कांग्रेस. राहुल में वह काबिलियत है, जो इन हालातों में पार्टी का नेतृत्व करे. वहीं, राहुल ने पार्टी में अध्यक्ष मंडल बनाने का सुझाव रखा है. उनका कहना है कि एक कार्यकारी अध्यक्ष, दो या उससे ज्यादा कार्यकारी उपाध्यक्षों का अध्यक्ष मंडल बनाया जा सकता है. अंतरिम कार्यकारी अध्यक्ष की दौड़ में कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया और केके वेणुगोपाल के नाम आगे हैं.