‘मिशन शक्ति’ संबोधन:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की जांच कर रहा है। चुनाव आयोग,दूरदर्शन और आकाशवाणी से मांगा फीडबैक
दिल्ली ,चुनाव आयोग ‘मिशन शक्ति’ की उपलब्धि के बारे में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की जांच कर रहा है। चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर चुनाव आयोग ने दूरदर्शन और आकाशवाणी से प्रसारण की फीड का स्रोत और अन्य जानकारियां मांगी हैं। उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में बृहस्पतिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पीएम के संबोधन से आचार संहिता का उल्लंघन हुआ या नहीं, इसकी जांच के लिये आयोग द्वारा गठित समिति सभी पहलुओं की विस्तृत जांच कर रही है।
चुनाव उपायुक्त संदीप सक्सेना ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से आयोग को इस मामले में न तो सूचित किया गया था ना ही अनुमति मांगी गई थी।
बता दें कि उपग्रह रोधी मिसाइल के सफल प्रयोग से जुड़े मिशन शक्ति की कामयाबी से देश को अवगत कराने के लिए मोदी के संबोधन को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए माकपा नेता सीताराम येचुरी ने इसकी आयोग से शिकायत की थी।
सक्सेना ने कहा कि संबोधन के बाद यह मामला विभिन्न माध्यमों से आयोग के संज्ञान में आया था। इससे चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का पता लगाने के लिए गठित समिति की अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं। इस मामले में शामिल कानून और आचार संहिता के उल्लंघन के पहलुओं की जांच के लिए दूरदर्शन और आकाशवाणी सहित अन्य संबद्ध पक्षकारों से सभी तथ्य और जानकारियां मांगी गई है।
यह पूछे जाने पर कि जांच पूरी होने में कितना समय लगेगा, सक्सेना ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जांच जल्द पूरी हो जाएगी, हमारी कोशिश है कि कल (शुक्रवार) तक हम जांच पूरी कर किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकेंगे। उन्होंने बताया कि दूरदर्शन और आकाशवाणी से संबोधन के प्रसारण से जुड़ी जानकारियां आयोग को भेजी गई हैं।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मिशन शक्ति के बारे में एक जनसभा में फिर से बोले जाने के कारण राजनेताओं को इस बारे में बोलने से रोकने के सवाल पर सक्सेना ने कहा कि इस मामले में आचार संहिता के उल्लंघन की जांच किसी निष्कर्ष पर पहुंचने तक इस बारे में कुछ भी कहना संभव नहीं होगा।
इसे लेकर कई विपक्षी दलों ने पीएम मोदी की आलोचना की थी कि उन्होंने चुनावी फायदा लेने के मकसद से संबोधन किया। बाद में मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा। सीताराम येचुरी ने आयोग में शिकायत दर्ज कराई। इसे लेकर बुधवार 27 मार्च को ही एक कमेटी का गठन कर दिया गया था।