सुपर सीएम के हाथों की कठपुतली रहे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह फ़ोन टेपिंग के मामले में जनता को गुमराह कर रहे है-विकास तिवारी
रायपुर,छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं सचिव विकास तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा दिनांक 19 फरवरी 2019 को विधानसभा में मीडिया के समक्ष दिए गए बयान को भ्रम फैलाने वाला कथा जनता को गुमराह करने वाला बताया है। विकास तिवारी ने कहा कि मोबाइल टेपिंग की प्रक्रिया के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने यह कहा था कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा अनुमति दिए जाने के पश्चात ही मोबाइल टाइपिंग संभव है तथा पूर्व मुख्य सचिव विवेक
ढांड जो चार साल मुख्य सचिव के पद में रहे स्वयं के फोन टेप करने की अनुमति दे सकते थे इस बयान को हास्य पर बताते हुए कहा कि दुर्भाग्य जनक है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को स्वयं वस्तुस्थिति की जानकारी नहीं है फोन टेपिंग की अनुमति देने का अधिकार राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति को है ना की मुख्य सचिव की है इसके अतिरिक्त कुछ मोबाइल टाइपिंग हेतु आदेश सीधे रमन सिंह के प्रिय अधिकारी मुकेश गुप्ता धड़ल्ले से जारी करते थे।आईजी रेंक के अधिकारी को अति आवश्यक समय में सात दिनों के लिये फोन टेपिंग के लिये मोबाइल कंपनी को आदेशित करने का अधिकार है सात दिन में अगर अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह का अनुमोदन नही मिलने से फोन टेपिंग बंद कर देना चाहिये जबकि मुकेश गुप्ता ने महीनों तक बिना किसी भी अनुमति के फोन टेपिंग किया था।
उनके कुछ उदाहरण प्रवक्ता विकास तिवारी ने बयान के साथ संलग्न किया है जिसमें की आदेशों की अनुमति कभी भी किसी समिति द्वारा नहीं दी गई थी प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि राज्य का प्रत्येक व्यक्ति डॉक्टर रमन सिंह के राज में अवैध फोन टेपिंग का शिकार था इसका उदाहरण उनके खुद के दमाद भी अवैध टिपिंग के ही शिकार बने और आज इन्हीं कारनामों के कारण वह फरार चल रहे हैं।
विकास तिवारी ने कहा कि डॉ रमन सिंह के इस बयान से साबित होता है कि पिछले 15 सालों से वह सरकार नहीं चला रहे थे उन्हें शासकीय कार्यों को प्रतिपादित करने एवं उनसे संबंधित नियमों की जानकारी या कानूनों की जानकारी बिल्कुल भी नही थी इसे यह भी साबित होता है कि जो आरोप कांग्रेस पार्टी लगाती थी कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के ऊपर एक आईआरएस अधिकारी अमन सिंह सुपर सीएम बने बैठे थे और सरकार पर पूर्ण नियंत्रण कर के रखे थे सारे निर्णय खुद ही लिया करते थे। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को इसी कारण से अपने ही सरकार के द्वारा लिये गये निर्णयों की जानकारी नही हुवा करती थी।