अमित शाह जी नक्सल प्रभावित उन गावं भी जाएं जहां एक एक गिलास पानी को तरस रहे हैं आदिवासी:भगवानू नायक
जोगी एक्सप्रेस
रायपुर अमित शाह जी से आग्रह करते हुए छ.ग.जनता कांग्रेस, छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश प्रवक्ता भगवानू नायक ने कहा की भाजपा अपने आप को दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक दल तो कहती हैं, परन्तु क्या वह कभी एन
पर भी पहलुओ पर भी ध्यान देगी
बुध्दीजीवीयों के साथ ही आत्महत्या करने को मजबूर छ.ग. के किसानों से भी मिले
ऽ उस बूथ में भी जाएं जहां स्मार्ट सिटी के नाम पर गरीबों को उजाड़ दिया गया
ऽ नक्सल प्रभावित उन गावं भी जाएं जहां एक एक गिलास पानी को तरस रहे हैं आदिवासी
ऽ उस थाने में भी जाएं जहां जनहित की आवाज उठाने वाले का मार दिया जाता हैं
ऽ ऐसे क्षेत्र में भी जाएं जहा एक मुर्दा को कफन और कंधा भी नहीं मिल रहा हैं
ऽ राजधानी के शक्ति घाट में भी जाएं जहां न पानी हैं, न बिजली हैं, न सड़क
वही अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए छ.ग.जनता कांग्रेस, छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश प्रवक्ता भगवानू नायक ने कहा भाजपा अपने आप को दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक दल कहती हैं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी को देश के प्रधानमंत्री मंत्री नरेन्द्र मोदी जी का करीबी कहा जाता हैं, शाह को सबसे सफल अध्यक्ष कहा जाता हैं, आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी का छत्तीसगढ़ का आगमन हो रहा हंै प्रदेश भाजपा ने कहा हैं कि इस दौरान श्री शाह छ0ग0 के बुध्दीजीवयों से मिलेंगे, किसी एक बूथ में जायेंगे, सतनामी समाज के धर्मगुरू संत बाबा गुरूघासीदास जी के तपोभूमि गिरौधपुरी में भी जायंेगे। नायक ने श्री शाह जी आग्रह किया हैं कि वे बुध्दीजीवियों से जरूर मिले लेकिन एक बार उन किसानों से जरूर मिले जो आज सरकार की किसान विरोधी नीति के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हैं, किसी एक ऐसे बूथ में जरूर जाएं जहां पर स्मार्ट सिटी के नाम पर तपती गर्मी में झुग्गी झोपड़ी को उजाड़ दिया गया, धार्मिक स्थल संतबाबा गिरौधपुरी में भी उनका स्वागत हैं लेकिन किसी एक ऐसे नक्लस प्रभावित गांव में भी जरूर जाएं जहां पर एक एक गिलास पीने की पानी के लिए आदिवासी तरस रहे हैं, उस थाने में भी जाएं जहां पर एक निर्दोष सामाजिक कार्यकर्ता जो जनहित की आवाज उठाता हैं और पुलिस अभिरक्षा में पुलिस की पिटाई से उसकी मौत हो जाती हैं, ऐसे क्षेत्र में भी जरूर जाएं जहां पर एक मुर्दा को कंधा और कफन भी नहीं मिलता हैं, राजधानी के शक्तिघाट में भी जाएं जहां न बिजली हैं, न पानी हैं, न सड़क हैं। इन स्थानों में जाने के बाद आप छत्तीसगढ के वास्तविकता से रूबरू होेंगे और प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी को छत्तीसगढ़ के हालात के बारे में अच्छे से प्रस्तुत कर सकेंगे।