कोठियों के धान की जांच किसानों का अपमान: भाजपा
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने किसानों को 2500 रुपए धान का मूल्य देने के मद्देनजर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की धान कोठियों की बलात जांच कराना छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र किसानों का अपमान माना है। भाजपा किसान मोर्चा ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार किसानों की कोठियों में धान की जांच करके भय का माहौल बना रही है। राज्य सरकार किसानों को क्या साबित करना चाहती है?
भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पूनम चंद्राकर ने एक वक्तव्य में कहा है कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले प्रत्येक किसान का कर्ज माफ करने की बात कही थी लेकिन अब जो घोषणा की है, उसमें राष्ट्रीयकृत बैंकों से लिए गए लोन को माफी के दायरे में नहीं रखा है। यह किसानों के साथ सरासर धोखा है। किसानों के मध्यम और दीर्घकालीन ऋण को माफी से बाहर रखना प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी का जीवंत प्रमाण है। जबकि जनघोषणा पत्र के साथ-साथ प्रत्येक कांग्रेस प्रत्याशियों ने अपने द्वारा बांटे गए पम्पलेट में सभी किसान का सभी कर्जा माफ करने की बात घूम-घूमकर कही थी। प्रदेश की जनता व किसान इस बात का माकूल जवाब देंगे। पूनम चंद्राकर ने कहा कि कर्जमाफी के आधे-अधूरे काम पर शोर मचाती प्रदेश सरकार अब पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की राह पर चल रही है। एक तरफ किसानों के धान 2500 रुपए में खरीदने का शोर मचा रही है वही सरकार के अधिकारी अब किसानों के घरों में बलात घुसकर धान-कोठियों की जांच कर रहे हैं, फोटो खिंच रहे हैं। जोगी के नेतृत्व वाली पूर्व में कांग्रेस सरकार जिस तरह किसानों का धान पानी में डुबाकर खरीदा करती थी, उसी तर्ज पर अब कोठियों में भरा धान जांचा जा रहा है। दुर्ग जिले के ग्राम कोनारी (चंदखुरी सोसाइटी) के एक किसान चंद्राकर ने बताया कि उनके घर में अफसरों ने बलात घुसकर धान कोठी की जांच की। इस प्रकरण ने सरकार की नीति, नीयत और नेतृत्व पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया है। ऐसा लग रहा है कि प्रदेश सरकार 2500 रुपए में धान खरीदकर किसानों को ‘कुछ और‘ मान रही है। छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र भोले-भाले किसानों की कोठी में जांच के लिए बलात घूसना किसान भाइयों का अपमान हैं। प्रदेश के किसान अपने इस अपमान और कर्जमाफी के नाम पर धोखाधड़ी का माकूल जवाब देंगे।