राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा, सत्ता पक्ष-विपक्ष में नोंक-झोंक
रायपुर,छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज राज्यपाल के अभिभाषण पर शुरू हुई। चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोंक-झोंक हुई। चर्चा में सबसे पहले कांग्रेस विधायक अमरजीत भगत ने भूपेश सरकार को किसानों की सरकार बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों की सरकार है। किसानों के हित मे फैसले वही कर सकता है, जो किसान रहा हो, और किसानों के दर्द को समझता हो। इस बीच विपक्ष की ओर से जमकर टोका-टाकी हुई।
भगत ने पिछली भाजपा सरकार का आलोचना करते हुए कहा कि उनके राज की किसानों ने आत्महत्या की। आत्महत्या जैसा कोई कदम यूं ही नहीं उठाता, जब किसान की फसल बर्बाद हो जाये, कर्ज में डूब जाए, वहीं उन्हें कर्ज वसूली के लिए तहसीलदार व बैंकों का नोटिस आती हो, तब किसान आत्महत्या को मजबूर होता है। इसलिए भूपेश सरकार ने किसानों के कर्जमाफी का फैसला लिया है। इसी कड़ी में लिकिंग से धान लेने के दौरान 3 लाख से अधिक किसानों का 1248 करोड़ की अधिक राशि लौटाई है।
भगत ने झीरमकांड पर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा झीरमघाटी मामले में सीबीआई जांच के एलान के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की गई। इस सदन में उमेश पटेल भी मौजूद है, जिन्होंने उस घटना में सब कुछ खो दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मैं इतना कहूंगा कि जो गलती भाजपा ने की थी वैसी गलती दोबारा राज्य में कभी न हो। यदि उस वक्त सुरक्षा नहीं हटाई गई होती तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। इस घटना में आज तक चार्जशीट भी जारी नही हुई। जांच के नाम पर केवल लीपापोती की गई। छत्तीसगढ़ की जनता स्तब्ध थी। जनता चाहती थी कि इस मामले की जांच हो। मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने इस अनसुलझे मामले को उठाया है। मैं उम्मीद करता हूँ कि इस मामले में निष्पक्ष जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में बोलते हुए अमरजीत भगत ने राज्य की पूर्ववर्ती रमन सरकार पर करारा प्रहार किया।
विधायक अजीत जोगी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि मेरे हाथ में तीन दस्तावेज हैं। एक कांग्रेस का जन घोषणा पत्र, एक राज्यपाल का अभिभाषण और एक अनुपूरक बजट, जब मैंने इन तीनों दस्तावेजों को पढ़ा तो मुझे इसमें विरोधाभास लगता है। जोगी ने कहा कि कांग्रेस का जो घोषणा पत्र है, उसे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सभाओं में दोहराया। उन्होंने कहा कि मैं आश्वासन देता हूं कि सरकार बनने पर दस दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ हो जाएगा। उन्होंने ये नहीं कहा था कि कुछ किसानों का कुछ कर्ज माफ हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने चार दिन के भीतर ही अधिसूचना जारी की। उस अधिसूचना की कंडिका 4 महत्वपूर्ण है। इस कंडिका में चार वर्ग के किसानों का कर्जा माफ नहीं होगा, उसका जिक्र किया गया है। एक तरफ कहा गया कि हर किसान का हर कर्ज माफ होगा, लेकिन अधिसूचना में कहा गया इन चार किसानों का कर्ज माफ नहीं होगा. इसमें किसानों के दीर्घकालीन कर्ज, आरबीआई की ओर से संचालित बैंकों से लिये गए कर्ज, निजी कर्ज और संपत्ति को गिरवी रखकर जो किसान कर्ज लेता है वह भी माफ नहीं होंगे. यदि इन चार बिदुओं पर लिए गए कर्ज माफ नहीं होंगे, तो किसानों के कर्जमाफी को लेकर किया गया चिंतन व्यर्थ है।
बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय ने मरवाही में किसान की आत्महत्या का मामला उठाया, जवाब में अजीत जोगी ने कहा कि मैंने आत्महत्या करने के कारणों का जिक्र नहीं किया. इसके कई कारण हो सकते हैं. मैंने ये कहा कि साहूकारों से कर्ज लेने वाले किसान ज़्यादातर आत्महत्या करते हैं.
किसानों को कर्ज के कुचक्र से बाहर निकालना है।
जोगी के भाषण पर भगत की टिप्पणी, चंद्राकर के जवाब से सदन में हंगामा
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अजीत जोगी के भाषण पर कांग्रेस विधायक अमरजीत भगत की टिप्पणी के बाद अजय चंद्राकर के जवाब से सदन में हंगामा मच गया।
दरअसल, अजीत जोगी के भाषण के दौरान कांग्रेस विधायक अमरजीत भगत ने टिप्पणी की थी। लगता है येे अजय चन्द्राकर की है। उन्होंने जो पेपर दिया है उसे ही वह पढ़ रहे हैं। अमरजीत भगत की टिप्पणी पर अजय चन्द्राकर ने कहा कि- शेर अपनी लियाकत से जंगल का राजा बनता है। विपक्ष ने अजय चन्द्राकर के शब्दों पर नाराजगी जताई।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- अजय चन्द्राकर सदन के वरिष्ठ सदस्य हैं, उन्हें ऐसे शब्दों से बचना चाहिए।
आसंदी ने कहा कि मैंने शब्दों को विलोपित करा दिया ह। ये सदस्य का विवेक है कि वह खेद व्यक्त करते हैं या नहीं। संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा- आप क्या उदाहरण देना चाहते हैं। नए सदस्यों को। आपको खेद व्यक्त करना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा- सदस्य ने केवल कविता के माध्यम से एक उदाहरण दिया। चौबे जी इतना उत्तेजित क्यों हो रहे हैं।