मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बस्तर दौरा बस्तरवासियों के लिए स्वर्णिम भरा – तिवारी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा बस्तर विकास के सहभागी बस्तरिया ही होना चाहिये, सकारात्मक सोच – कांग्रेस
देश सेवा, निःस्वार्थ त्याग, केवल कांग्रेस में ही संभव – तिवारी
रायपुर/ री बस्तर क्षेत्र में विकास के लिए बस्तर विकास प्राधिकरण का नए सिरे से गठन किया जाएगा। नए बस्तर विकास प्राधिकरण में आदिवासी विधायक ही इसके अध्यक्ष और उपाध्यक्ष होंगे। बस्तर दौरे में पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक प्रेसवार्ता में इस बात की घोषणा की है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने नक्सलवाद से जूझ रहे बस्तर और जीवन से संघर्ष कर रहे हैं हमारी आदिवासी जनता के लिए आज का दिन बेहद बड़ा दिन है। जहां नक्सलियों के खात्मे के लिए सकारात्मक सोच के साथ पीड़ितों से बात करने निर्णय लिए गए, यह नक्सलवाद की समाप्ति की ओर पहला कदम है। बस्तर प्राधिकरण में बस्तर के विधायकों को महत्त्व दिए जाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इस निर्णय से बस्तर क्षेत्र में निवासरत आदिवासी जनता को उनकी मूलभूत समस्याओं के साथ-साथ भविष्य की चिंताएं भी दूर होंगे। साथ ही उन्हें प्राप्त संविधान के अधिकारों का लाभ भी मिल पाएगा।
बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह हुआ करते थे, जिन्होंने प्रदेश की कमान अपने हाथों में रखने के बावजूद प्राधिकरण में भी अपना कब्जा बनाए रखा जिसका परिणाम बस्तर के आम आदिवासियों को सुविधाओं के अभाव में भोगना पड़ा, इन विषमताओं को अब विराम लगने जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी द्वारा आदिवासी हित में लिए गए इस निर्णय का कांग्रेस पार्टी स्वागत करती हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिया मेहनत, परिश्रम को उपहार
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी में आगे बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मेहनत परिश्रम को उपहार दिया है, तेंदू पत्ता संग्राहक आदिवासी परिवारों को बड़ी सौगात देते हुए तेंदूपत्ता का समर्थन मूल्य 2500 प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4000 प्रति मानक बोरा कर दिया है। इसके अलावा सीएम भूपेश बघेल ने स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से क्षेत्र में स्थित गौण खनिजों की खदानों के साथ ही सभी ठेकों को स्थानीय लोगों को देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि जितने भी निर्माण कार्य हैं उसमें स्थानीय लोगों को अब अवसर देना है, जितने भी गौण खनिज है उसमें भी स्थानीय लोगों को अवसर देना है। उन्होंने कहा कि देखा जाता है कि बड़े ठेकेदार ग्रुप बनाकर काम ले लेते हैं। उसे बंद कर अब स्थानीय पढ़े-लिखे लोगों को इस तरह से रोजगार उपलब्ध करवाये जाएंगे।
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