कांग्रेस बदले की राजनीति में विश्वास नहीं करती बल्कि बदलाव में विश्वास करती है. और हम पारदर्शिता लाने का बदलाव कर रहे हैं। त्रिवेदी
बदला तो जनता ले चुकी, अब तो क़ानून अपना काम करेगा : कांग्रेस
हमने जनता से सच सामने लाने का वादा किया है, निभाएंगे
‘सीएम मैडम’, ‘साहेब’ और ‘सीएम कुक’ के सच से डरती है भाजपा
झीरम की जांच सीबीआई से करवाने की हामी तो भाजपा ने ही भरी थी
. नान घोटाला प्रदेश के लाखों गरीबों के हक के राशन की चोरी का मामला है।
. रायपुर,गरीबों की थाली के अनाज को जिन रसूखदार लोगों ने चुरा लिया, उनकी जांच होनी चाहिये, उन पर कार्यवाही होनी चाहिये।
. यह कांग्रेस ने बार-बार कहा है। चुनाव अभियान में, संभागों में, रैलियों में कहा है। पत्रकारवार्ताओं में कहा है। पीसीसी और एआईसीसी की पत्रकारवार्ताओं में कहा है।
. भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष धरमलाल कौशिक का बयान भाजपा के डर को ही उजागर कर रहा है।
. भाजपा अध्यक्ष होने के नाते वो जानते हैं कि नान घोटाले से लेकर झीरम जनसंहार तक भाजपा की सरकार ने क्या-क्या किया है?
. जहां तक बदला लेने का सवाल है तो भाजपा से तो चुनाव में जनता बदला ले चुकी है और 15 सीटों तक समेट कर बता दिया है कि कुशासन की क्या सज़ा होती है।
. कांग्रेस जनता से किये हुये वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
. कांग्रेस ने चुनाव शुरु होने के बहुत पहले से कहते आए हैं कि हमारी सरकार आएगी तो हम जांच करवाएंगे जिससे पता चले कि ‘सीएम मैडम’ ‘सीएम कुक’ और ‘साहेब’ कौन हैं जिनके पास नान घोटाले के हज़ारों करोड़ पहुंचे।
. नान घोटाले के मामले में एसआईटी गठित करने के राज्य सरकार के फैसले पर धरमलाल कौशिक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का बयान पूरी तरीके से असंगत और वैधानिक कानूनी प्रक्रिया के साथ साथ देश के कानून के भी खिलाफ है।
. धरमलाल कौशिक जी ने अपने बयान में जो बातें कहीं हैं वह सीआरपीसी और आईपीसी के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है।
. धरमलाल कौशिक जी कानूनी मामलों के जानकार हैं और वह ऐसी असंगत बेतुकी बात कर ही नहीं सकते।
. स्पष्ट है कि यह बयान धरमलाल कौशिक जी से नान के घोटालेबाजों के द्वारा दिलवाया गया है।
. दरअसल नान मामले में एसआईटी गठित होने के समाचारों से नान के घोटालेबाज बौखला गए हैं और इस बात से भयभीत हो गए हैं कि नान घोटाले के पैसों का वास्तविक कच्चा चिट्ठा यानी पूरा का पूरा आइसबर्ग कहीं उजागर ना हो जाए।
. कौशिक जी क्या नागपुर, सतना और लखनऊ गए पैसों का राज़ भी उजागर होने से डर रहे है।
. सच सामने आने से डर रहे हैं।
. और अभी तो ये शुरुआत है. कांग्रेस जनता से किए वादे के मुताबिक़ चिटफंड कंपनियों के घोटाले और हर घपले घोटाले की जांच भी करवाएगी।
. झीरम में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की सामूहिक हत्या भी भाजपा के गले की फांस है।
. क्या भाजपा अध्यक्ष नहीं जानते हैं कि ये हत्याकांड क्यों हुआ और किसके कहने से अंजाम दिया गया?
. क्या कौशिक जी को डर सता रहा है कि जांच की आंच इन तक न पहुंच जाए?
. भाजपा जांच से घबरा रही है क्योंकि जांच से सच सामने आएगा इसीलिए तो विधानसभा में वादा करने के बावजूद झीरम कांड की सीबीआई जांच नहीं करवाई गई।
सौजन्यता
. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक के द्वारा राजनीतिक वातावरण में सौजन्यता की दुहाई दी गई है। जीरम में जहां माओवादियों का कांग्रेस नेताओं के परिवर्तन यात्रा के काफिले पर हमला हुआ और छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं की पूरी पीढ़ी शहीद हो गई ठीक उसी जगह पर भाजपा सरकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी ।
. क्या धरमलाल कौशिक जी जीरम में कांग्रेस के काफिले को सुरक्षा ना देने को सौजन्यता कहते हैं ?
. भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी ने भाजपा के मंत्री की सीडी बनाई थी और इस मामले में विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को आरोपी बनाया जाना क्या राजनैतिक सौजन्यता थी ?
. चालान पेश होने के बाद जांच के खिलाफ भाजपा स्मरण रखे एनसीपी के नेता रामअवतार जग्गी के हत्याकांड के मामले में भाजपा की रमन सिंह सरकार ने ही दोबारा जांच भी कराई और अनुपूरक चालान भी प्रस्तुत किया गया था। नान घोटालें में भी जांच का नजरिया दोषियों को सजा दिलाना है।
. भाजपा द्वारा देश की स्थापित कानूनी प्रक्रिया के खिलाफ राजनीतिक स्वार्थवश बयानबाजी किया जाना कदापि उचित नहीं है।
बदले का डर किसे सताता है
. बदले का डर किसी पुण्यात्मा सत्कर्म करने वाले को नहीं सताता. उन्हें सताता है जिन्होंने दुष्कर्म किए होते हैं और किसी को सताने का काम किया होता है।
. बार बार बदला बोल कर भाजपा साबित कर रही है कि पंद्रह वर्षों के शासनकाल में उसने सत्ता का दुरुपयोग करके लोगों को गलत मामले मुक़दमों में फंसाया है और लोगों को बेवजह सताया है।
. इसीलिए साधारण कानूनी कार्रवाई से भी उसे लग रहा है कि यह बदले की कार्रवाई है।
. कांग्रेस बदले की राजनीति में विश्वास नहीं करती बल्कि बदलाव में विश्वास करती है. और हम पारदर्शिता लाने का बदलाव कर रहे हैं।