अमर्यादित बयानों से बचें कांग्रेसी-श्रीचंद सुंदरानी
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने अपने पितृ-पुरुष पं. दीनदयाल उपाध्याय को लेकर कांग्रेस के नेताओं द्वारा की जा रही बयानबाजी को दिमागी दिवालियापन और शर्मनाक ओछेपन का परिचयक बताकर कहा है कि कांग्रेस के बड़े नेता अपने बड़बोले हो चले ‘बयानवीरों की ‘वाचालता पर अंकुश साधे।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि एक तो सरकारी प्रपत्रों से पं. उपाध्याय का चित्र हटाने का निर्णय ही असंगत है, दूसरे इसे भाजपा द्वारा व्यक्तिवादी विचारधारा को थोपना बताकर कांग्रेस के नेता अपनी अज्ञानता प्रदर्शित कर रहे हैं। उन्हें जरा समझ दिखानी थी कि पं. उपाध्याय की जन्मशताब्दी पर केन्द्र सरकार ने जन्मशती वर्ष मनाया तय किया था और उसी के मद्देनजर सभी राज्यों में सरकारी प्रपत्रों पर पं. उपाध्याय के चित्र छप रहे थे। यह एक शासकीय निर्णय के पालन की शिष्ट प्रक्रिया थी, न कि किसी विचारधारा को थोपने का कोई प्रयास था। देश के महान सपूतों और बलिदानियों का अपमान करने और एक परिवार की चरण-वंदना में लोटपोट हो जाने की राजनीतिक हैसियत रखने वाली कांग्रेस के नेताओं को पं. उपाध्याय के भारतीय राजनीति में वैचारिक योगदान का जरा भी ज्ञान होता तो शायद ऐसे उथले और ओछे बयान जारी करने से वे बचते।
श्री सुंदरानी ने कहा कि पं. उपाध्याय के देशहित में योगदान को नकारने की अशिष्टता कांग्रेस ही कर सकती है। यदि कांग्रेस के नेता पं. उपाध्याय के विचारों का, उनकी अर्थनीति और एकात्म मानववाद का अध्ययन कर लें, तो उनकी ओछी मानसिकता का शुद्धिकरण हो जाएगा। पर राफेल सौदे झूठ देश पर थोपने वालों का नजरिया ही तंग है, तो उनसे वैचारिक उदारता की अपेक्षा बेमानी ही है।