रायपुरजनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया चेयरमेन एवं वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया बलात्कार एवं हत्या काड का फैसला सुनाते हुए चारो वशही दरींदों को फासी की सजा को यथावत रख कर भारतीय समाज के लिए स्वागतेय संदेश दिया है। उसी प्रकार गुजरात के गर्भवती बिल्कीस बानो के साथ सामुहिक बलात्कार एवं एक दर्जन से अधिक उसके रिस्तेदारो की जघन्य हत्या के लिए सभी सजायाप्ता गुनहगारो को आजीवन कारावाश के सीबीआई अदालत के फैसले को मुम्बई हाई कोर्ट द्वारा सजा को बरकार रखना भी स्वागत योग्य फैसला है उपरोक्त दोनो जघन्य, दर्दनाक एवं निर्मम हत्या एवं बलात्कार कांड थे। गुनहगारो को सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुनाते समय उपस्थित जन समुदाय ने खुशी का इजहार करते हुए तालीयां बजाई इस फैसले से बेबसी की शिकार निर्भया की आत्मा को शांति अवश्य मिली होगी तथा देशवासियों में तसल्ली हुई है ।
रिजवी ने कहा है कि बिल्कीस बानो के साथ भी निर्भया की तरह जघन्य एवं बर्बरतापूर्ण अपराध घटित हुआ था । इसी प्रकरण में सीबीआई की तीन आरोपियों को फांसी दिये जाने की पेशकश को मुम्बई हाई कोर्ट द्वारा स्वीकार नहीं किया गया। निर्भया एवं बिल्कीश के साथ घटित दुष्कर्म एवं हत्याओं की घटना ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है तथा निर्भया के लिए पूरा देश उसके पक्ष में खड़ा हो गया था बलात्कार पीड़िता की भी एक तरह से मानसिक हत्या हो जाती है । इन दोनो एतिहासिक फैसलों से बलात्कार करने की मंशा रखने वालों के मन भय अवश्य उत्पन्न होगा। बिल्कीश बानो ने राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर अपने प्रकरण की सीबीआई जांच करवा कर ही दम लिया था तथा उसने अकेले अदालती जंग खुद लड़ी थी जो काबिलेदाद है ।