रायपुर छ.ग. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश प्रवक्ता भगवानू नायक ने कहा छत्तीसगढ़ शासन और प्रदेश के मुखिया डाॅ रमन सिंह जी का लोक सुराज अभियान पूरी तरह प्रायोजित कार्यक्रम है न ही मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह जी इस अभियान के तहत किसी गांव में अचनाक जाते है और न ही उनके मंत्री अचनाक किसी गांव में जाते है, सब कुछ पहले ही तय रहता हैं, इस अभियान में सब कुछ एक नाटक की भाॅति होता है। मुख्यमंत्री जी का ग्रामीणों के घर भाजी भात खाना, चाय पीना, मध्यांन भोजन करना, मनरेगा के मजदूरो के साथ काम करना यह सब कुछ प्रायोजित होता है इतना ही नहीं मुख्यमंत्री जी के उक्त कार्यक्रमों की पूरी जानकारी अधिकारियों को होती है, सवाल और जवाब अफसर बनाते है, इसमें सवाल और जवाब देने वाले लोग नाटक के पात्र की तरह होते ह,ै इस मामले में पहले केवल संदेह था लेकिन संदेह हाल में ही यकीन में तब बदला जब मुख्यमंत्री महोदय एक ही नाम के दो गांव लिंजिर होने के कारण रायगढ़ जिला बरमकेला ब्लाॅक के लिंजिर गांव में आयोजित लोक सुराज अभियान में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह जी का हेलीकाप्टर पुसौर ब्लाॅक के लिंजिर गांव में उतर गया निर्धारित गांव नहीं होने के कारण मुख्यमंत्री जी हेलीकाप्टर से ही नहीं उतरे। जब मुख्यमंत्री जी के किसी भी गांव में लोक सुराज अभियान के तहत अचनाक उतरने की जानकारी सरकार के द्वारा दी जाती है तो जिस गांव में उतरे थे उस गांव में आखिर चैपाल लगाकर ग्रामीणो के समस्याओ का समाधान क्यों नहीं किया ? बल्कि मुख्यमंत्री जी को जैसे ही पता चला कि जिस गांव में चैपाल लगाना है वह तो कोई और गांव है तो वे और उनका काफिला उल्टे पांव वापस लौट गए इसके बाद प्रदेश के मुखिया डाॅ रमन सिंह जी उस तय शुदा गांव में एक नाटक की तरह चैपाल मंचन किए, उस नाटक का नजारा बेचारी लाचार जनता देखी जिसके किस्से समाचार पत्रों में पढ़े गये और इलेक्ट्रनिक मीडिया में भी देखा गया। इसकी जानकारी मिलने के बाद ग्रामीणों की आवाज को प्रदेश भर में ग्राम आवाज के माध्यम से लगातार बुलंद करने वाले मरवाही विधायक श्री अमित जोगी ने पुसौर ब्लाॅक के लिंजिर गांव में जाकर ग्रामीणों की समस्याओं सुनेंगे। आगे भगवानू नायक ने आरोप लगाते हुए कहा लोक सुराज अभियान में कोई भी बड़ी समस्या का स्थायी निराकरण नहीं हो रहा है, कुछ प्रकरण ऐसे भी है जो कई वर्षो से घुम रहा है। इस अभियान में प्रदेश सरकार पूरे अधिकारी कर्मचारियों का भ्रमण करा रही है और कुछ नहीं, शासकीय कार्यालयों में अधिकारी मिलते नहीं, नतीजा लोगो के छोटे -छोटे काम भी नहीं हो रहे है। यह है लोक सुराज का असली राज।